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India News (इंडिया न्यूज), Russia-Ukraine war: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है, इस बीच यूएई लगातार दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है, जिसका सफल परिणाम देखने को मिला है। शनिवार को रूस ने जानकारी दी कि यूएई द्वारा किए गए समझौते के चलते यूक्रेन और रूस ने 103 युद्धबंदियों की अदला-बदली की है और एक-दूसरे के पकड़े गए नागरिकों को रिहा किया है। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार की अदला-बदली में रिहा किए गए रूसी सैनिकों को यूक्रेन ने यूक्रेन के कुर्स्क क्षेत्र से उस समय पकड़ा था, जब वे देश में घुसपैठ कर रहे थे, यह घुसपैठ 6 अगस्त को शुरू हुई थी। हालांकि, यूक्रेन ने कैदियों की अदला-बदली की पुष्टि नहीं की है। सालों से जो ये खतरनाक जंग चली आ रही है वो एक झटके में ही खत्म हो सकती है बस एक शब्द बोललने का इंतजार है। चलिए बताते हैं क्या।
वो शब्द है युद्ध विराम (Ceasefire), अगर ये दोनों देश करने को तैयार हो जाएं। तो ये तबाही यही रुक जाएगी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की दोनों ही ये उम्मीद भारत से कर रहे है। लगातार पीएम मोदी को साफ- साफ ये संदेश दे चुके हैं कि दोनों देशों के बीच की जंग वही खत्म कर सकते हैं। युद्ध विराम दो या दो से अधिक विरोधी ताकतों के बीच लड़ाई या शत्रुता को अस्थायी रूप से रोकने के लिए एक समझौता है, जिसका उद्देश्य अक्सर किसी संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत करना होता है। युद्ध विराम की घोषणा एक पक्ष द्वारा एकतरफा की जा सकती है या इसमें शामिल सभी पक्षों द्वारा आपसी सहमति से की जा सकती है।
1. मानवीय सहायता को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँचने की अनुमति देना
2. बातचीत या शांति वार्ता को सुविधाजनक बनाना
3. तनाव को कम करना और आगे की हिंसा को रोकना
4. नागरिकों या घायल लड़ाकों को निकालने की अनुमति देना
5. स्थायी शांति समझौते के लिए अवसर पैदा करना युद्ध विराम अल्पकालिक या दीर्घकालिक हो सकते हैं, और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तटस्थ तृतीय-पक्ष पर्यवेक्षकों द्वारा निगरानी की जा सकती है।
हालाँकि, युद्ध विराम हमेशा सफल नहीं होते हैं और यदि एक या अधिक पक्ष अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें तोड़ा जा सकता है।
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