India News (इंडिया न्यूज), PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने मीडिया के सामने बिना समय बर्बाद किए रूस-यूक्रेन के साथ बातचीत शुरू करने की वकालत की। इसके साथ ही पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के सामने अपनी रूस यात्रा का भी जिक्र किया और खुद बताया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आंखों में आंखें डालकर क्या कहा? तो चलिए जानते हैं पूरा मामला।
बता दें कि, प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में रूस का दौरा किया था। इस यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि, वहां भी मैंने अपनी बात साफ शब्दों में कही है। कोई भी समस्या युद्ध के मैदान में हल नहीं होती, समाधान बातचीत, संवाद और कूटनीति से ही निकलता है और हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। दोनों पक्षों को मिलकर इस संकट से निकलने के रास्ते तलाशने होंगे। उन्होंने कहा कि आज जब हम आमने-सामने मिल रहे हैं, तो मैं आज यूक्रेन की धरती पर बच्चों की शहादत की जगह देखने आया हूं और मेरा दिल भर आया है। आज मैं आपसे शांति की दिशा में आगे बढ़ने के रास्ते पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहूंगा। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि शांति के हर प्रयास में भारत अपनी सार्थक भूमिका में सबसे आगे रहा है, व्यक्तिगत रूप से मैं भी इसमें योगदान दे सकता हूं। मै निश्चित रूप से ऐसा करना चाहूंगा। एक मित्र के रूप में मैं आपको आश्वस्त करता हूं। आज जब मैं यहां आया हूं, कल आपका राष्ट्रीय दिवस है, मैं चाहूंगा कि हम सभी जल्द से जल्द शांति का सूरज उगते हुए देखें।
पीएम मोदी ने कहा कि हम 2021 में ग्लासगो में मिले थे और पहली मुलाकात में गहरी मित्रता का अनुभव कर रहे थे। तब आपने मुझसे यूक्रेन आने का आग्रह किया था। लेकिन मैं कल्पना नहीं कर सकता कि ऐसी स्थिति में यूक्रेन की नौबत आएगी। ऐसे कठिन दौर में हमारा द्विपक्षीय समझौता भी आगे बढ़ रहा है। मैं कह सकता हूं कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में भी हम दोनों देशों की परिपक्वता दिखाई देती है।
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उन्होंने कहा कि जब युद्ध के शुरुआती दिन थे, तो भारत से हजारों बच्चे जो शिक्षा प्राप्त करने के लिए यहां आए थे। वे इस युद्ध के कारण फंस गए थे। उन्हें निकालने में आपने जो मदद की है और जिस संवेदनशीलता के साथ आपने हमारी चिंताओं को समझा और उनका समाधान करने की पूरी कोशिश की है। इसके लिए मैं अपनी और 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से और उन बच्चों और परिवारों की तरफ से जो संकट की उस घड़ी से बाहर आए हैं, आज मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भलीभांति जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाईं। हमारी पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जिस भी तरह की जरूरत होगी, भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे बढ़ेगा। दूसरा रास्ता जो हमने चुना है वो है युद्ध से दूर रहना, हम बहुत मजबूती से युद्ध से दूर रहे हैं। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं है कि हम तटस्थ थे, हम तटस्थ नहीं थे, हम पहले दिन से ही एक पक्ष रहे हैं और हमारा पक्ष शांति है, हम बुद्ध की धरती से आते हैं जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है, हम महात्मा गांधी की धरती से आते हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है। आज मैं 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं को लेकर यूक्रेन आया हूं, 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं मानवता से प्रेरित हैं, आज मैं शांति का संदेश लेकर यूक्रेन की धरती पर आया हूं।
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