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India News(इंडिया न्यूज),Saudi Arabia: अमेरिका इन दिनों लगातार रूप से यमन पर हवाई हमले कर रहा है। जहां संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यमन में हौथी आंदोलन से जुड़े स्थलों पर हवाई हमले शुरू करने के बाद यमन के पड़ोसी सऊदी अरब ने संयम बरतने का आग्रह करते हुए सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा कि, वे “बड़ी चिंता” के साथ स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। विशेष रूप से, देश यमन के हौथिस के साथ शांति वार्ता में लगा हुआ है। “राज्य लाल सागर क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है, क्योंकि इसमें नेविगेशन की स्वतंत्रता एक अंतरराष्ट्रीय मांग है।”
जानकारी के लिए बता दें कि, शुक्रवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पुष्टि की कि अमेरिका और ब्रिटेन की सेना ने ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड के समर्थन से यमन में हौथी विद्रोहियों के खिलाफ हमले किए। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि, सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य हौथी विद्रोहियों को लाल सागर क्षेत्र में अपहरण, हमले आदि करने से रोकना है। गौरतलब है कि विद्रोही लाल सागर में जहाजों के नेविगेशन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं।
इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने दावा किया कि. लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक शिपिंग पर 27 हमलों से 50 से अधिक देश प्रभावित हुए हैं। 2000 से अधिक जहाजों को इस क्षेत्र से बचने के लिए हजारों मील की दूरी तय करने के लिए मजबूर किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पाद शिपिंग समय में काफी देरी हुई है।
वहीं इस मामले में बाइडन ने आगे बयान जारी करते हुए कहा कि, “ये हमले लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री जहाजों के खिलाफ अभूतपूर्व हौथी हमलों की सीधी प्रतिक्रिया में हैं – जिसमें इतिहास में पहली बार जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग भी शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, यमन के हौथी उग्रवादी, जिनका देश के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण है, चल रहे इजराइल-हमास युद्ध में गाजा के हमास समूह का समर्थन कर रहे हैं। इज़राइल को शिपमेंट को प्रभावित करने के अपने प्रयास में, समूह इज़राइल से जुड़े या इज़राइली बंदरगाहों के लिए जाने वाले जहाजों पर हमला कर रहा है।
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