India News (इंडिया न्यूज), Sheikh Hasina: 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश से फरार होने के बाद भी शेख हसीना की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक के बाद एक मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। छात्र आंदोलन के दौरान हुई मौतों को लेकर शेख हसीना के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। जिसको लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार सख्त नजर आ रही है। इस बीच, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बारे में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण बांग्लादेश के मुख्य अभियोक्ता मुहम्मद ताजुल इस्लाम का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि जांच प्रक्रिया चल रही है और मानवता के खिलाफ अपराध दुनिया में सबसे जटिल मामले हैं और जांच प्रक्रिया भी जटिल है। हमें उम्मीद है कि अगले महीने के भीतर शेख हसीना के खिलाफ कम से कम एक रिपोर्ट मुख्य अभियोक्ता के पास दर्ज की जाएगी।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप हैं। हमने शेख हसीना के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। अभियोक्ता ने कहा कि एक मामला जुलाई और दूसरा अगस्त नरसंहार का है। जुलाई और अगस्त के महीनों के दौरान किए गए मानवता के खिलाफ अपराध और दूसरा जबरन गायब करने के साथ-साथ न्यायेतर हत्या आदि का है। दोनों मामलों में जांच चल रही है और इन सभी अपराधों की सजा कानून में वर्णित की गई है। जो मृत्युदंड, आजीवन कारावास के साथ-साथ अन्य सजाएं हैं, इस मामले में अब न्यायाधिकरण अदालत सजा तय करेगी।”
Sheikh Hasina (शेख हसीना को होगी फांसी?)
आपको बता दें कि, ढाका उच्च न्यायालय ने बांग्लादेश में अपने ही साथी की हत्या के मामले में 20 छात्रों की मौत की सजा को भी बरकरार रखा है। इन छात्रों ने साल 2019 में अपने साथी छात्र अबरार फहाद की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। मृतक छात्र फहाद ने तत्कालीन शेख हसीना सरकार के खिलाफ फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी। इस पोस्ट के कारण शेख हसीना की अवामी लीग के छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने फहाद की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में निचली अदालत ने 2021 में आरोपी छात्रों को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। अब बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा है।