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पाक को भारी पड़ रही आतंकवाद की ह‍िमायत और पनाह दोनों, TTP बना गले की फांस

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : पाक‍िस्‍तान के ल‍िए आतंकवाद की ह‍िमायत करना और पनाह देना दोनों ही महंगे साबित हो रहे हैं। इसके ल‍िए बनाई जाने वाली नीत‍ियां ही आज उसकी ताबूत में कील ठोंकने का काम करने जा रही हैं। हाल ही में भारत के व‍िदेश मंत्री एस. जयशंकर ने व‍िएना में ग्‍लोबल आतंकवाद पर […]

BY: Ashish kumar Rai • UPDATED :
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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : पाक‍िस्‍तान के ल‍िए आतंकवाद की ह‍िमायत करना और पनाह देना दोनों ही महंगे साबित हो रहे हैं। इसके ल‍िए बनाई जाने वाली नीत‍ियां ही आज उसकी ताबूत में कील ठोंकने का काम करने जा रही हैं। हाल ही में भारत के व‍िदेश मंत्री एस. जयशंकर ने व‍िएना में ग्‍लोबल आतंकवाद पर बोलते हुए पाक‍िस्‍तान को खूब खरी खोटी सुनाई थी ज‍िसके बाद से वह त‍िलम‍िलाया हुआ है। वहीं, पाक‍िस्‍तान अब समझ नहीं पा रहा है क‍ि आखिर वो करे तो क्‍या करे? दरअसल, तहरीक-ए-ताल‍िबान (TTP) पाक‍िस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और व‍िदेश मंत्री ब‍िलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) को मारने की धमकी तक दे चुका है। उसनी अपनी अलग कैब‍िनेट की घोषणा तक कर दी है।

तहरीक-ए-ताल‍िबान (TTP) का दावा है क‍ि दुनिया जानती है कि टीटीपी का जिहादी क्षेत्र केवल पाकिस्तान है और हमारा टारगेट देश पर कब्जा करने वाली सुरक्षा एजेंसियां हैं। इसमें कहा गया है कि इसने लंबे समय से किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। टीटीपी ने यहां तक कहा है क‍ि बिलावल भुट्टो जरदारी की मां के अमेरिका के साथ बहुत अच्छे संबंध थे। उन्होंने टीटीपी के खिलाफ खुले तौर पर युद्ध की घोषणा की थी। उन्‍होंने यह तक कहा है क‍ि बिलावल साहब अभी युवा हैं, लेकिन इस बेचारे ने अभी तक युद्ध की स्थिति नहीं देखी है।

पाक को भारी पड़ रही आतंकवाद की ह‍िमायत और पनाह दोनों, TTP बना गले की फांस

तहरीक-ए-ताल‍िबान और अफगानी तालिबान अलग, विचारधारा एक

आपको बता दें, तहरीक-ए-ताल‍िबान अफगान‍िस्‍तान से ब‍िल्‍कुल अलग है।लेक‍िन व‍िचारधारा में दोनों एक जैसे हैं। साल 2007 में टीटीपी ने अपनी स्‍थापना के बाद से बड़ी संख्‍या में हमलों का अंजाम द‍िया है। हजारों लोगों की इन हमलों में मौत हो चुकी है। पाक‍िस्‍तान में 2022 में आतंकी घटनाओं में 51 फीसदी की बढ़ोत्‍तरी होना बताया गया है। इस्‍लामाबाद की थिंक टैंक का भी मानना है क‍ि टीटीपी पाक‍िस्‍तान के ल‍िए सबसे बड़ी चुनौती है। माना जाता है क‍ि पाक‍िस्‍तान की खुफ‍िया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने ही टीटीपी को पैदा करने में अहम भूम‍िका न‍िभाई है।अब जब टीटीपी और पाक‍िस्‍तान के बीच शांत‍ि समझौता व‍िफल हो गया तो उसने युद्ध की घोषणा कर दी है।

आतंकवाद पर पाक को अमेर‍िका ने 12 साल पहले चेताया था 

मालूम हो, पाक‍िस्‍तान में पनपने वाले आतंकवाद पर अमेर‍िका लगातार चेतावनी देता रहा है। अमेर‍िका ने करीब 12 साल पहले भी आतंकवाद को लेकर बड़ी बात कही थी। अमेर‍िकी सेक्रेटरी हेलरी क्‍ल‍िंटन ने पाक‍िस्‍तान को साफ और सख्‍त लहजे में चेतावनी दी थी क‍ि अगर आप घर में सांप पालते हैं और यह सोचते हैं क‍ि वह केवल पड़ोसी को ही डसेगा तो यह सरासर गलत है। वह पहले उसी को डसेगा जो घर में रहते हैं।

ब‍िलावल भुट्टो के बयान ने नाराज टीटीपी

आपको बता दें, बिलावल भुट्टो ने कहा था कि पिछली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने गैरकानूनी समूह के साथ बातचीत करने की नीति बनाई थी। लेक‍िन पाक‍िस्‍तान की गठबंधन सरकार आतंकवादियों की ‘तुष्टिकरण की नीति’ को छोड़ देगी। टीटीपी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से कहा है क‍ि हम आपसे यह भी अनुरोध करते हैं कि आप हमारे खिलाफ गतिविधियों से परहेज करें।

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