संबंधित खबरें
हिजाब पर इस मुस्लिम देश की जमकर हुई हजामत…अचानक बदल गए जज्बात? WhatsApp और Google पर सुनाया बड़ा फैसला
क्रिसमस के दिन रूस ने यूक्रेन पर 78 मिसाइलों और 106 ड्रोन से बरसाई मौत, फूट-फूटकर रोने लगे जेलेंस्की?
आखिर आसमान में किससे टकराया प्लेन? पायलट की लाख कोशिशों के बावजूद भी नहीं टल पाई दर्दनाक घटना, पूरा मामला जान आंखें हो जाएगी नम
कनाडा के रास्ते अमेरिका में हो रही भारतीयों की तस्करी? पकड़ा गया कनाडाई कॉलेजों का गंदा खेल, PM Modi के इस कदम से थर-थर कांपने लगे ट्रूडो
दुनिया में मौजूद परमाणु बमों से 50 बार तबाह हो सकती है धरती, नहीं बचेगा कोई नामोनिशान, चुटकी में नष्ट हो जाएगा धरती का कवच
भारत से बढ़ रही खूंखार तालिबान की दोस्ती, सामने आई पाकिस्तान की जली हुई सूरत? अंदर की बाद सुनकर समझ जाएंगे सारा माजरा
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
काबुल में तालिबान की नवगठित सरकार (Taliban Government) सिर्फ कहने को अफगानिस्तान (Afghanistan) का प्रतिनिधित्व करेगी असलियत में वहां का हर पत्ता फिलहाल पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ICI) के कहने पर ही हिल रहा है। न सिर्फ तालिबान सरकार के सारे मंत्री बल्कि अफगानिस्तान के विभिन्न शहरों में मेयरों की नियुक्ति भी पाकिस्तान के इशारे पर हो रही है। आईएसआई के अधिकारियों की पूरी फौज काबुल में तैनात है और इस बात का पूरा इंतजाम करने की कोशिश है कि अफगानिस्तान सरकार आने वाले दिनों में जब सामान्य तौर पर काम शुरू करे तो उसका कोई भी संपर्क भारत के साथ न हो। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि काबुल, कंधार व दूसरे शहरों से अशरफ गनी सरकार के तहत सेवा दे चुके पुलिस और सरकारी अधिकारियों की हत्या किए जाने की खबरें हैं। वहां आईएसआई के नेतृत्व में तालिबानी आतंकियों का एक गुट तैयार किया गया है जो पूर्व लोकतांत्रिक सरकार के बेहद विश्वस्त लोगों को खोज खोज कर खत्म कर रहा है। तालिबान के मुख्य नेताओं को भी इसकी खबर नहीं है।
एक दिन पहले आईएसआई के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद की तरफ से चीन, ईरान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान के साथ की गई बैठक का एक बड़ा मकसद यह था कि इन सभी देशों को यह भरोसा दिलाया जा सके कि अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार इन देशों के हितों के खिलाफ काम नहीं करेगी।
पाकिस्तान के दबाव से ही भारत के साथ सामान्य रिश्ते की बात करने के बाद तालिबान ने अब चुप्पी साध ली है। इसका पहला संकेत इस बात से मिलता है कि तालिबान ने अपने प्रतिनिधियों की दूसरे देशों के राजदूतों या अधिकारियों से मुलाकात का सार्वजनिक खुलासा किया है लेकिन कतर में भारत के राजदूत के साथ तालिबानी नेता मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मुलाकात को लेकर अभी तक कुछ नहीं कहा है। इस मुलाकात से पहले स्टेनकजई को तालिबान सरकार के विदेश मंत्री की दौड़ में सबसे प्रबल प्रतिनिधि माना जाता था लेकिन उसे उप-विदेश मंत्री ही बनाया गया है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.