इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
वैसे तो तालिबान सरकार (Taliban Government) ने अपने एक मंत्रालय का नाम ‘सद्गुण का प्रचार और बुराई की रोकथाम’ मंत्रालय भी रखा है, लेकिन उसकी खूंखार मानसिकता खत्म होने का नाम नहीं ले रही। तालिबान शरिया कानून के कड़े प्रावधानों को लागू करने के लिए कुख्यात है। इसमें महिलाओं को किसी पुरुष के बगैर घर के बाहर निकलने या नौकरी पर जाने पर भी पाबंदी है। अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान सरकार ने अपराधियों को बर्बर सजा की तैयारी शुरू कर दी है। इस्लामिक अमीरात के अंतर्गत ऐसे कानूनी प्रावधान किए जा रहे हैं, जिनमें चोरी करने पर हाथ काटने व अवैध संबंध बनाने वाले को पत्थर बरसाकर मारने की सजा मिलेगी।
तालिबान के एक अधिकारी ने ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ से कहा कि उनका उद्देश्य इस्लाम की सेवा करना है, इसलिए एक अच्छाई और सद्गुण मंत्रालय की जरूरत है। अफगानिस्तान के केंद्रीय क्षेत्र के लिए जिम्मेदार होने का दावा करने वाले मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि तालिबान शासन उल्लंघन करने वालों को ‘इस्लामी नियमों’ के अनुसार सजा सुनाएगा।
Taliban government
यूसुफ ने बताया कि किसी हत्यारे, जिसने जानबूझकर अपराध किया हो, उसे भी मार दिया जाएगा। यदि आरोपी ने जानबूझकर हत्या नहीं की है तो उसे निश्चित राशि अदा करने पर छोड़ा जा सकता है। तालिबान सरकार ने 1996-2001 के अपने पिछले शासन काल के दौरान भी अफगानिस्तान की सड़कों पर नैतिक पुलिस तैनात की थी। इस्लामी नियमों का उल्लंघन करने वालों को कोड़े मारे गए। पत्थर बरसाए गए और उन्हें सरेआम मौत के घाट तक उतारा था।
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