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इंडिया न्यूज़: (China Recruited 19 Translators to Decode Hindi Language) पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत के खिलाफ नए-नए हथकंडे अपना रही है। भारत और चीन के बीच जारी विवाद के चलते दोनों ही देशों की सेना ने कईं तरह के नए-नए बदलाव किए है। बता दें कि भारत ने जहां एलएसी तक सड़कों का जाल बिछाया तो वहीं चीन ने अपने सर्विलान्स सिस्टम को मज़बूत कर लिया है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि चीन ने एलएसी पर भारतीय सेना की बातचीत को डीकोड करने के लिए चलाए जा रहें ऑपरेशन को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।
दरअसल, वैसे तो चीन ने साल 2022 में ही टीएमडी यानी तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट में हिंदी ट्रांसलेटर या कहे इंटरप्रेटर की भर्ती के लिए युवा ग्रैजुएट्स की तलाश शुरू की थी और एक साल में आख़िर चीन की तलाश खत्म हो गई।
ख़ुफ़िया रिपोर्ट के मुताबिक़, चीनी पीएलए ने हाल ही में 19 ऐसे छात्रों को शामिल किया है, जिनकी हिंदी में पकड़ मज़बूत है। हिंदी ट्रांसलेटर और इंटरप्रेटर को चीनी पीएलए में शामिल करने के पीछे कुछ बड़े मकसद में चीनी पीएलए के लिए इंटेलिजेंस इनपुट इकट्ठा करना, भारतीय सेना के जवानों की बातचीत का ट्रांसक्रिप्ट को मैंडरिन में ट्रांसलेट करना और एलएसी पर जासूसी करना भी शामिल है। इसके अलावा ये लोग भारतीय सेना की बातचीत को समझने के लिए LAC पर तैनात सैनिकों को हिंदी भी सिखाएंगे।
हिंदी में पारंगत छात्रों को चुनने के लिए TMD के कई अधिकारियों ने 25 मार्च 2022 से 9 अप्रैल 2022 के बीच चीन के कई इंस्टीट्यूट, कॉलेज और विश्वविद्यालयों का दौरा किया। इस दौरान पीएलए में हिंदी इंटरप्रेटर की ज़रूरत और उनका काम समझाने के लिए सेमिनार और लेक्चर तक दिए गए। इस भर्ती के लिए बाक़ायदा डेडलाइन भी तय की गई थी।
अब चीनी सेना एलएसी के क़रीब के गांव में तिब्बती परिवारों के स्कूल जाने वाले बच्चों को भी अपने मुताबिक़ ढालने में लगी है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़, चीनी पीएलए 10 से 18 साल के बच्चों को शिकान्हे सैन्य शिवर में चीनी, बोधी और हिंदी भाषा की प्रशिक्षण दे रही है।
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