India News (इंडिया न्यूज), Pakistan:भारत सरकार ने पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीयों की जल्द वापसी के लिए पाकिस्तान सरकार से बात की है। भारत और पाकिस्तान दोनों ने आज यानी 1 जनवरी को एक-दूसरे को दोनों देशों की जेलों में बंद कैदियों के नामों वाली सूची सौंपी है। इससे पहले पिछले साल 1 जुलाई को भी ऐसी ही सूची साझा की गई थी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा साझा की गई सूची के मुताबिक, उसकी जेलों में 49 भारतीय नागरिक कैद हैं। इनके अलावा, इन जेलों में 217 भारतीय मछुआरे भी कैद हैं।
भारत सरकार ने पाकिस्तान से इन भारतीय नागरिक कैदियों, मछुआरों और उनकी नावों को जल्द से जल्द रिहा करने को कहा है। मोदी सरकार ने पाकिस्तान से लापता भारतीय रक्षाकर्मियों की जल्द रिहाई और वापसी के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को उन 183 भारतीय मछुआरों और नागरिक कैदियों की रिहाई और वापसी के लिए तेजी से कदम उठाने चाहिए, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है।
पाकिस्तान में कितने भारतीय हैं बंद ?
भारत सरकार के प्रयासों से वर्ष 2014 से अब तक 2639 भारतीय मछुआरे और 71 भारतीय नागरिक कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। इसमें वर्ष 2023 से पाकिस्तान से वापस लाए गए 478 भारतीय मछुआरे और 13 भारतीय नागरिक कैदी शामिल हैं।
आपको बता दें कि वर्ष 2008 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ था। इसके तहत दोनों देश वर्ष में दो बार 1 जनवरी और 1 जुलाई को ऐसी सूचियां एक दूसरे के साथ साझा करते हैं। पाकिस्तान द्वारा भारत को सौंपी गई अंतिम सूची के अनुसार, 254 भारतीय नागरिक पाकिस्तानी जेलों में बंद थे। जबकि, भारत ने 452 पाकिस्तानी कैदियों के भारतीय जेलों में बंद होने की जानकारी दी थी। नई सूची के अनुसार, भारत द्वारा पाकिस्तान को सौंपी गई सूची के अनुसार, देश की विभिन्न जेलों में 381 पाकिस्तानी कैदी हैं। इनके अलावा 81 मछुआरे भी हैं। हालांकि, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि ये पाकिस्तानी ही हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान से उन 18 नागरिक कैदियों और मछुआरों को तत्काल काउंसलर एक्सेस प्रदान करने के लिए कहा है जो पाकिस्तान की हिरासत में हैं और जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं, लेकिन उन्हें अभी तक काउंसलर एक्सेस नहीं दिया गया है। पाकिस्तान से अनुरोध किया गया है कि वह ऐसे सभी भारतीयों के साथ-साथ उन लोगों को भी सुरक्षा प्रदान करे जिन्हें भारतीय नागरिक माना जाता है, जब तक कि उनकी रिहाई और भारत वापसी नहीं हो जाती।