संबंधित खबरें
जेल में बंद इमरान खान ने कर दिया खेला, हिल गई पाकिस्तान सरकार, शाहबाज शरीफ ने…
क्रिसमस से पहले ब्राजील में मची तबाही, मंजर देख कांप जाएंगी रूहें, कई लोगों की मौत
'यह यात्रा ऐतिहासिक थी…' जानें PM Modi के कुवैत यात्रा कैसे रही खास
रूस ने चलाया ऐसा ब्रह्मास्त्र, धुआं-धुआं हो गया यूक्रेनी सेना का तेंदुआ टैंक, वीडियो देख थर-थर कांपने लगे जेलेंस्की
सीरिया में विद्रोही संगठन करेंगे ये काम, ऐलान के बाद पुरी दुनिया में मचा हंगामा…इजरायल के भी उड़े होश
अब रामायण और महाभारत पढ़ेंगे मुसलमान ? PM Modi ने कुवैत पहुंच ऐसा क्या किया सदमे में आया पाकिस्तान…गाने लगा भारतीय पीएम की गुणगान
India News (इंडिया न्यूज़),Hijab Banned: हिजाब पर प्रतिबंध लगाकर यह मुस्लिम बाहुल्य देश चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है। हालांकि हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर देश में बहस लगातार जारी है। दुनिया के लगभग सभी मुस्लिम देशों में महिलाएं हिजाब पहनती हैं। ईरान में तो इसकी ऐसी अनिवार्यता है कि अगर कोई महिला हिजाब ना पहने तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। हाल में यहां से कई दर्दनाक मामले भी सामने आए।
लेकिन वहीं एक ऐसा मुस्लिम बाहुल्य देश है जिसने स्कूल में छात्राओं के लिए हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा करने वाला यह देश कजाखस्तान चुनिंदा मुस्लिम बाहुल्य देशों में शामिल हो गया है, हालांकि हिजाब प्रतिबंध को लेकर देश में बहस लगातार जारी है। धर्म में आस्था रखने वाले माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे हिजाब पहने। यहां 2016 में लगी इस पाबंदी को कुछ लोग हटाने की मांग कर रहे हैं। तब देश के शिक्षा मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया था। जिसमें साफ-साफ लिखा गया था की स्कूल के यूनिफार्म के साथ किसी भी तरह के धार्मिक पहचान वाले कपड़े पहनने की मंजूरी नहीं है।
बेशक देश की सरकार इस्लाम को लेकर प्रतिबद्धता दिखाती है, लेकिन वह सोवियत संघ के वक्त से चले आ रहे धर्म पर नियंत्रण को कमजोर भी पड़ने देने को तैयार नहीं है। 2022 की जनगणना के मुताबिक कजाखस्तान में मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा है। यहां 69 फीसदी निवासी मुस्लिम है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में एक तिहाई लोग ही धर्म का सख्ती से पालन करते हैं। यह संवैधानिक तौर पर एक धर्मनिरपेक्ष देश है।
हालांकि राष्ट्रपति कासिम जोमार्त तोकायेव इस्लाम को लेकर प्रतिबद्धता दिखाते हैं। वह 2022 में मक्का गए थे, साथ ही रमजान पर सरकारी अधिकारी और मशहूर हस्तियों के लिए अपने घर पर इफ्तार पार्टी रखी थी। नियम न मानने वाली छात्रों के माता-पिता पर जुर्माना लग जाता है। जिसके कारण कई छात्राएं या तो विरोधी करती रह जाती है, या वह स्कूल आना बंद कर देती है। सरकार इस मामले में देश के धर्मनिरपेक्ष होने पर ही जोर देती है। राष्ट्रपति तोकायेव ने बीते अक्टूबर को कहा था। हमें सबसे पहले इस बात को याद रखना चाहिए कि स्कूल एक शैक्षिक संस्थान है जहां बच्चे शिक्षा लेने आते हैं। मेरा ऐसा मानना है कि जब बच्चे बड़े हो जाए और उनका दुनिया को देखने का अपना नजरिया हो तब वह अपनी पसंद ना पसंद तय करें।
Also Read:-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.