India News (इंडिया न्यूज), Tulsi gabbard: तुलसी गबार्ड गुरुवार को अमेरिकी सीनेट के सामने पेश हुईं। अमेरिका में वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति के लिए सीनेट से अनुमति लेनी होती है। राष्ट्रपति द्वारा नामित अधिकारी सीनेट के सामने पेश होते हैं। इस दौरान सीनेट के सदस्य नियुक्त सदस्यों से कड़े और तीखे सवाल पूछते हैं। नामित अधिकारी को अपने जवाब से सीनेट के सदस्यों को संतुष्ट करना होता है। इसके बाद ही सीनेट इन नियुक्तियों को मंजूरी देती है। यह चेक एंड बैलेंस की अनूठी व्यवस्था है। आपको बता दें कि, तुलसी गैबार्ड जब सीनेट के सामने पेश हुईं तो डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसदों ने उनसे तीखे सवाल पूछे।
43 वर्षीय हिंदू अमेरिकी तुलसी गैबार्ड अमेरिकी राज्य हवाई से डेमोक्रेटिक कांग्रेस की पूर्व सदस्य हैं, जिन्होंने 2020 में अपनी पार्टी के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन के लिए दौड़ लगाई थी, लेकिन 2024 में पार्टी छोड़ दी और ट्रंप का समर्थन किया। आपको बता दें कि, सीनेट के एक सदस्य ने तुलसी गैबार्ड से पूछा कि, अमेरिकी सरकार के इस आरोप पर आपका क्या कहना है कि ‘भारत सरकार के एक अधिकारी’ ने 2023 के वसंत में न्यूयॉर्क शहर में एक सिख कार्यकर्ता, जो एक अमेरिकी नागरिक है, की हत्या का निर्देश दिया था?
Tulsi gabbard (तुलसी गैबार्ड ने आतंकी निज्जर और पन्नू केस पर क्या कहा)
सीनेट के सदस्यों ने सवाल को आगे बढ़ाते हुए कहा, “इसके अलावा, कनाडाई अधिकारियों ने भारत सरकार पर जून 2023 में कनाडा में एक कनाडाई नागरिक और सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया है। इन आरोपों पर आपके क्या विचार हैं कि भारत सरकार कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है?”
आपको बता दें कि भारत सरकार ने इन दोनों आरोपों का खंडन किया है। पहला आरोप आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के कथित प्रयासों से जुड़ा है। भारत सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगा रखा है। दूसरा मामला कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से संबंधित है।
इस दौरान तुलसी गैबार्ड ने कहा कि, किसी विदेशी देश द्वारा अमेरिकी नागरिकों की हत्या के आदेश देना गंभीर चिंता का विषय है और इसकी जांच होनी चाहिए। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा सरकार द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों से संबंधित सवाल भी गबार्ड से पूछे गए। गौरतलब है कि 43 वर्षीय हिंदू अमेरिकी तुलसी गैबार्ड अमेरिकी राज्य हवाई से डेमोक्रेटिक कांग्रेस की पूर्व सदस्य हैं, जिन्होंने 2020 में अपनी पार्टी के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन के लिए दौड़ लगाई थी, लेकिन 2024 में पार्टी छोड़ दी और ट्रंप का समर्थन किया।
भारत सरकार ने इन दोनों आरोपों का खंडन किया है। पहला आरोप आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के कथित प्रयासों से जुड़ा है। भारत सरकार ने उसके संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है। दूसरा मामला कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ा है। सीनेट के इन सवालों का जवाब तुलसी गबार्ड ने भारत के रुख से थोड़ा अलग तरीके से दिया। सीनेट की ‘इंटेलिजेंस पर सेलेक्ट कमेटी’ को दिए अपने लिखित जवाब में उन्होंने कहा, “भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सुरक्षा साझेदार है। किसी विदेशी देश द्वारा अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ, खास तौर पर अमेरिकी धरती पर हत्याओं के निर्देश देने के विश्वसनीय आरोप गंभीर चिंता का विषय हैं और इनकी जांच होनी चाहिए।”
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