होम / इस्लामिक दुनिया का खलीफा बनने का सपना, नहीं रोक पाए अपने देश की तबाही, कट्टरता सुनकर कांप जाएगी इंसानियत

इस्लामिक दुनिया का खलीफा बनने का सपना, नहीं रोक पाए अपने देश की तबाही, कट्टरता सुनकर कांप जाएगी इंसानियत

Sohail Rahman • LAST UPDATED : October 24, 2024, 3:24 pm IST
ADVERTISEMENT
इस्लामिक दुनिया का खलीफा बनने का सपना, नहीं रोक पाए अपने देश की तबाही, कट्टरता सुनकर कांप जाएगी इंसानियत

Recep Tayyib Erdogan ( तुर्किए के राष्ट्रपति के बारे में जानिए सब कुछ)

India News (इंडिया न्यूज), Recep Tayyib Erdogan: मिडिल ईस्ट में खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन इस बीच तुर्की में हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। तुर्किए की राजधानी अंकारा में स्थित रक्षा कंपनी तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के मुख्यालय पर आतंकियों द्वारा जोरदार हमला किया गया है। जिसकी तुलना मुंबई के 26/11 हमले से हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में अब तक 10 लोगों के मारे जाने की खबर है। राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की और इसकी निंदा करते हुए इसे ‘घृणित आतंकी हमला’ बताया।

इस बीच ये जानकारी सामने आ रही है कि, तुर्किए एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के मुख्यालय पर हुए इस हमले में तीन आतंकियों के शामिल होने की खबर है। इसमें एक महिला आतंकी भी शामिल है। हालांकि, तुर्किए के सुरक्षा बलों ने तीनों हमलावरों को मार गिराया है। इस हमले की जिम्मेदारी पीकेके ने ली है।

गरीबी में बीता था बचपन

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, साल 2012 से रेसेप तैयप एर्दोआन तुर्किए के राष्ट्रपति हैं। इससे पहले वो 2003 से 2014 तक प्रधानमंत्री और 1994 से 1998 तक इस्तांबुल के मेयर के तौर पर भी काम कर चुकें हैं। इस्तांबुल के पड़ोसी और आर्थिक रूप से कमजोर शहर कासिमपाशा में जन्मे एर्दोआन का परिवार जल्द ही राइज चला गया। राइज में उनके पिता तुर्की तटरक्षक बल में कैप्टन थे। लेकिन बाद में वे इस्तांबुल चले गए और एर्दोआन ने वहीं अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। जानकारी के अनुसार एर्दोआन का बचपन बेहद गरीबी में बीता हैं। उन्हें एक सप्ताह में सिर्फ 2.5 तुर्किए मुद्रा (लीरा) मिलती थी। जिससे वो पोस्टकार्ड खरीदकर उसे पर्यटकों को बेचा करते थे। इसके अलावा वो पानी की बोतलें भी बेचा करते थे, ताकि कुछ पैसे कमा सकें।

रशियन लड़कियों सबसे ज्यादा क्या पसंद होता है, नाम जानकर आप हो जाएंगे हैरान

छात्र राजनीति से शुरू किया अपना सफर 

कुछ दिनों के बाद एर्दोआन फुटबॉल खेलने के दौरान कई छात्र नेताओं के संपर्क में आए और जल्द ही राजनीति की ओर उनका झुकाव होना शुरू हो गया। जब वो नेशनल तुर्की स्टूडेंट यूनियन से जुड़े तो उन्होंने भाषण देना शुरू किया और देखते ही देखते वो स्टूडेंट्स के बीच काफी पॉपुलर हो गए। छात्र राजनीति  के रास्ते एर्दोआन साल 1994 में इस्तांबुल के मेयर बने और फिर इसके बाद तुर्किए की राजनीति में एक नया चैप्टर शुरू हुआ। दरअसल, एर्दोगान को कट्टरपंथी मुस्लिम विचारधारा का माना जाता है, जो यहूदियों या दूसरे धर्मों के लोगों को नीची नजरों से देखता है। 

2018 के चुनाव में किया था ये वादा

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, साल 2018 के चुनावों के दौरान एर्दोगन ने अपने मुस्लिम मतदाताओं से वादा किया था कि वह तुर्की के विश्व प्रसिद्ध हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में बदल देंगे। जानकारी के अनुसार यह संग्रहालय कभी दुनिया के सबसे बड़े चर्चों में से एक था। इसे छठी शताब्दी में रोमन सम्राट जस्टिनियन ने बनवाया था। बाद में वर्ष 1453 में ओटोमन साम्राज्य के सुल्तान मेहमेद द्वितीय ने तुर्की पर अपनी जीत के बाद इसे मस्जिद में बदलने का आदेश दे दिया था। हालांकि, तुर्की के संस्थापक मुस्तफा कमाल पाशा ने वर्ष 1935 में इसे संग्रहालय में बदल दिया था। एक तरह से हागिया सोफिया संग्रहालय को तुर्किए की धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक माना जाता था। लेकिन कुछ समय पहले ही एर्दोगन ने इसे मस्जिद में बदल दिया। जिससे एर्दोआन पूरी दुनिया के मुस्लिमों के बीच लोकप्रिय बन गए। 

‘मैं वापिस नहीं आऊंगी’, कलियुग की मीरा बन गई ये 12 साल की बच्ची? परिवार के लिए नोट छोड़कर…कृष्ण भक्ति ये कहानी सुनकर होश उड़ जाएंगे

महिलाओं के अधिकारों के बारे में क्या सोचते हैं एर्दोआन?

अगर हम महिलाओं के अधिकारों को लेकर तुर्किए के राष्ट्रपति की राय की बात करें तो तुर्किए में पहले हिजाब पर बैन लगा हुआ था। यहां तक कहा जाता है कि, अगर कोई लड़की हिजाब पहनती थी, तो उसे यूनिवर्सिटी में जाने की इजाजत नहीं होती थी। लेकिन जब एर्दोगन राष्ट्रपति बनें तो उसके बाद हिजाब का चलन अचानक से बढ़ गया। इसकी सबसे बड़ी वजह ये बताई जाती है कि, एर्दोआन की पत्नी देश की प्रथम महिला एमीन एर्दोआन खुद हिजाब पहनती हैं।

एर्दोआन पर लगा ये आरोप

अगर हम एर्दोआन पर लगे आरोपों की बात करें तो साल 2018 में चुनाव जीतने के लिए बहुत ज्यादा रिश्वत देने का आरोप लगा था। इस चुनाव के दौरान हर पेंशनर को 1000 लीरा (14,275 रुपये) दिए गए थे, ताकि वे मतदान से 10 दिन पहले पड़ने वाली ईद मना सकें। यह एक तरह से खुली रिश्वत थी।

इस्लाम के खलीफा बनना चाहते हैं एर्दोआन

तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोआन सिर्फ अपने देश में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इस्लाम के खलीफा बनना चाहते हैं। इसकी वजह से वो वक्त-वक्त पर पाकिस्तान के सपोर्ट में अपनी बात रखते रहते हैं। उदाहरण के लिए एर्दोगन ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया था। तब उनका यह बयान काफी चर्चित हुआ था। उन्होंने कश्मीर के लोगों को पीड़ित बताते हुए पाकिस्तान के साथ खड़े होने की बात कही थी।

मां की लाश के साथ 3 महीने तक बेटा करता रहा ये कांड? दरवाजा खुला तो अंदर का नजारा देख लोगों के उड़ गए होश

 

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT