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India News (इंडिया न्यूज़), Smriti Irani In Saudi Arabia: सोशल मीडिया पर इस्लामवादियों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की मदीना यात्रा को सऊदी अरब द्वारा सुविधाजनक बनाने को लेकर काफी नाराज नजर आएं। सऊदी अरब के दौरे पर पहुंची भारत की केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने मुस्लिमों के लिए सबसे पवित्र शहरों में शुमार मदीना का दौरा किया है। जहां उन्होंने इस्लाम की पहली मस्जिद कुबा मस्जिद के आसपास को एक्सप्लोर किया।ऐसा पहली बार है जब मदीना शहर में कोई गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है। उनकी इस यात्रा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सऊदी अरब पर निशाना साधा है।
Undertook a historic journey to Madinah today, one of Islam’s holiest cities included a visit to the periphery of the revered Prophet’s Mosque, Al Masjid Al Nabwi, the mountain of Uhud, and periphery of the Quba Mosque – the first Mosque of Islam. The significance of the visit to… pic.twitter.com/WgbUJeJTLv
— Smriti Z Irani (@smritiirani) January 8, 2024
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विदेश और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री वी मुरलीधरन के साथ सऊदी अरब की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान मदीना की ‘ऐतिहासिक’ यात्रा की। यह आयोजन द्विपक्षीय हज समझौते 2024 पर औपचारिक हस्ताक्षर के बाद हुआ, जिसमें नई दिल्ली को आगामी वार्षिक हज यात्रा के लिए 175,025 तीर्थयात्रियों के कोटा के साथ नामित किया गया।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने मदीना के मरकजिया क्षेत्र में पैगंबर की मस्जिद (अल मस्जिद अल नबवी) की परिधि का दौरा किया। यात्रा कार्यक्रम में उहुद पर्वत और कुबा मस्जिद जैसे ऐतिहासिक स्थलों का दौरा शामिल था। कुबा मस्जिद इस्लाम की पहली मस्जिद के रूप में विशेष महत्व रखती है, जबकि उहुद पर्वत कई शुरुआती इस्लामी शहीदों के लिए अंतिम विश्राम स्थल है।
स्मृति इरानी ने अपनी मदीना यात्रा को लेकर एक्स पर लिखा कि आज मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की, इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक में पैगंबर की मस्जिद अल मस्जिद अल नबवी, उहुद के पहाड़ और क्यूबा मस्जिद – इस्लाम की पहली मस्जिद की परिधि की यात्रा शामिल है.
स्मृति ईरानी ने खुद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मदीना की तस्वीरें साझा की हैं। जिस पर कट्टरपंथियों ने कड़ी नाराजगी जताई है। भारतीय केंद्रीय मंत्री की यात्रा के आलोचकों का कहना है कि सऊदी अरब को एक गैर-मुस्लिम महिला को मदीना जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। इसके लिए सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी अल सऊद को कोस रहे हैं।
एक मुस्लिम कट्टरपंथी ने स्मृति ईरानी की पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा, ‘भारत का एक हिंदू राजनेता मदीना में क्या कर रहा है?’ कौन सा भाजपा राजनेता हिंदुत्व विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है? पैगम्बर ने मूर्तिपूजकों को इस क्षेत्र में आने से साफ़ मना किया था, ये शहर केवल मुसलमानों के लिए हैं। यहां कोई दूसरा नहीं आ सकता।
एक यूजर ने सऊदी प्रिंस को टैग करते हुए लिखा, “आप मुशरिकेन को हमारे अभयारण्य की परिधि तक क्यों पहुंचने दे रहे हैं?” बाकी में आप जितनी चाहें उतनी तरक्की कर सकते हैं लेकिन मक्का मुकर्रमा और मदीना मुनव्वर के पैगंबर अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थान हैं।
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