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India News (इंडिया न्यूज),US-Russia: इन दिनों पूरी दुनिया का एक दूसरे के साथ मन मोटाव लगातार चिंता का विषय बनता हुआ नजर आ रहा है। वहीं एक बार फिर रूस और अमेरिका के बीच खींचतान जारी होने लगी है। जिसके बाद अमेरिका ने उन फर्मों और जहाजों पर रोक लगा दी, जो बहुराष्ट्रीय मूल्य सीमा का उल्लंघन करके रूसी कच्चा तेल ले जाने के लिए अमेरिका सेवा प्रदाताओं का इस्तेमाल करते थे। बता दें कि, अमेरिका ने क्रेमलिन के प्रभाव से जुड़े बाल्कन लोगों और फर्मों पर भी प्रतिबंध लगाया है।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, अमेरिका के ट्रेजरी विभाग के विदेश संपत्ति नियंत्रण कार्यालय यूएई स्थित तीन फर्मों और जहाजों को प्रतिबंधित किया है। यह फर्म और जहाज 60 अमेरिकी डॉलर मूल्य सीमा के ऊपर रूसी कच्चे तेल को ले जाने के लिए अमेरिकी सेवा प्रदाताओं का इस्तेमाल करते थे। जहाजों पर कार्रवाई के कारण अमेरिकी सेवा प्रदाताओं के साथ माल परिवहन करने से ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
वहीं इसके साथ आपको बता दें, अमेरिका ने यूरोपियन यूनियन, जी-7 सदस्य देशों और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर मिलकर पिछले साल रूस द्वारा अपने तेल के लिए वसूले जाने वाले शुल्क पर 60 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल की सीमा लगा दी थी। यह कार्रवाई यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस की कमर तोड़ने के लिए की गई थी। इस वजह से रूस की पुतिन सरकार को या तो अपना तेल छूट पर बेचने या एक महंगा वैकल्पिक शिपिंग नेटवर्क खोजने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
राजक वैली ने कही ये बात
अमेरिकी राजक वैली एडेइमो ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रमक नीतियों के बाद भी बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं लेकिन साथ ही साथ हम रूस के मुनाफे की कटौती करने के लिए भी तत्पर हैं। ट्रेजरी के एक अन्य अधिकारी ब्रायन नेल्सन ने बताया कि रूस ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और संगठनों में एकीकरण बाधित करने के लिए पश्चिमी बाल्कन में अपने प्रभाव का उपयोग करना जारी रखा है।
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