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US Visa Rejections: अमेरिका ने रोकी चीनी छात्रों की एंट्री, वीजा पर लगाई ब्रेक

PUBLISHED BY: India News Editor • LAST UPDATED : September 14, 2021, 2:16 pm IST
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US Visa Rejections: अमेरिका ने रोकी चीनी छात्रों की एंट्री, वीजा पर लगाई ब्रेक

US Visa Rejections

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
US Visa Rejections: अमेरिका और चीन के बीच किसी न किसी बात को लेकर अक्सर तनाव बना रहता है। दोनों देश एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। गत दिवस चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि वह चीन को हल्के में न ले। अमेरिका में 9/11 जैसा हमला फिर से हो सकता है। ऐसे में अब अमेरिका ने चीनी छात्रों की देश में एंट्री पर रोक लगा दी है। चीन के बहुत से छात्र जहां अमेरिकी कॉलेजों में दाखिले के जो सपने संजोए बैठे थे, वह टूटते नजर आ रहे हैं।

23 साल का वित्तीय शिक्षा का चीनी छात्र वांग जिवेई एक सेमेस्टर आॅनलाइन पढ़ाई के बाद सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय परिसर में आ रहे अपने सहपाठियों से मिलने के लिए उत्साहित था लेकिन अमेरिका ने सुरक्षा आधार पर उसका छात्र वीजा निरस्त कर दिया है। ऐसा ही चीन के कई छात्रों के साथ हुआ है जिनकी संख्या सैंकड़ों में है। चीन सरकार का कहना है कि इन छात्रों के वीजा पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी नीति के अनुसार किए गए हैं ताकि बीजिंग को संभावित सैन्य इस्तेमाल के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी हासिल करने से रोका जा सके। उधर, वांग का कहना है कि उनका सेना से क्या लेना-देना। वह तो वित्तीय शिक्षा के छात्र हैं।

America told the reason for US Visa Rejections

प्रौद्योगिकी, शिक्षा, बीजिंग की सैन्य बढ़त, कोरोना वायरस की उत्पत्ति, मानवाधिकार, दक्षिण चीन सागर तथा अन्य क्षेत्र के विवादित दावों को लेकर अमेरिका और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। इस नीति के तहत उन लोगों को वीजा देने पर रोक लगाई है जो सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा जनमुक्ति सेना या उन विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं।

वाशिंगटन ने इन्हें सेना के आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा बताया है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार हजारों चीनी छात्र और शोधकर्ता ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हैं जिससे वह चीन को चिकित्सा, कम्प्यूटर और अन्य संवेदनशील जानकारी दे सकते हैं। वाशिंगटन ने बीजिंग की नागरिक-सैन्य संयोजन की नीति का हवाला भी दिया है। उसका कहना है कि वह निजी कंपनियों और विश्वविद्यालयों को चीनी सैन्य प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए एक संपत्ति मानता है।

US Visa Rejections on the basis of university

कई छात्रों का वीजा अनुरोध ठुकराने के पत्र में ट्रंप के आदेश का हवाला दिया गया है लेकिन फैसले की जानकारियां नहीं दी हैं। कुछ छात्रों का कहना है कि उनका वीजा यह जानने के तुरंत बाद खारिज कर दिया गया कि वे किस विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके हैं।

Reason for US Visa Rejections because

अमेरिका के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में सबसे अधिक विदेशी छात्र चीन के हैं। एक सरकारी विमान निमार्ता कंपनी में इंजीनियर ने कहा कि उनका अपनी पत्नी के पास जाने के वीजा अनुरोध को ठुकरा दिया है जोकि कैलिफोर्निया में बाल कैंसर चिकित्सा की पढ़ाई कर रही है। इंजीनियर ने चीन के उत्तर-पूर्व में हार्बिन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी से स्नातक की डिग्री हासिल की है। अगर मैंने इस संस्थान से डिग्री हासिल की है तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं जासूस हूं? इसमें और नस्लवाद में क्या फर्क है? यह तो मेरा अपमान किया गया है।

विदेश विभाग ने 2020 में एक रिपोर्ट में कहा था, संयुक्त शोध संस्थान, शिक्षा जगत और निजी कंपनियों का पीएलए की भविष्य की सैन्य प्रणालियां बनाने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है और वो भी उनकी जानकारी या सहमति के बिना। राष्ट्रपति जो बाइडन ने अभी कोई संकेत नहीं दिया है कि वह क्या कर सकते हैं।

शंघाई के आॅनलाइन समाचार संगठन द पेपर ने बताया कि चीनी अधिकारियों ने अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन से वीजा पाबंदियों को हटाने की अपील की थी। उधर, बीजिंग में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा करने के लिए यह नीति अनिवार्य है।

यह नीति वीजा प्रक्रिया के कुछ दुरुपयोग का जवाब है। दूतावास ने बताया कि 4 महीनों में चीनी छात्रों के लिए 85,000 से अधिक वीजा को मंजूरी दी है। यह संख्या स्पष्ट रूप से दिखाती है कि अमेरिका चीनी छात्रों और शोधार्थी समेत उन सभी लोगों को वीजा जारी करने के लिए तैयार है जो योग्य हैं।

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