इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
दुनिया के कई देशों समेत अमेरिका में बच्चों को कोरोना से बचाव का टीका (Vaccination of Children) पहले से ही लनाना शुरू कर दिया गया है। वहीं भारत में महामारी की तीसरी लहर आने की संभावनाओं के चलते 2 से 18 साल तक बच्चों व किशोरों का टीकारकरण (Vaccination of Children) करने की तैयारी को लेकर काम चल रहा है।
Vaccination of Children
जिसके लिए स्वदेशी कंपनी बायोटेक की कोवैक्सीन को ज्यादा असरदार और सुरक्षित बताते हुए मंजूरी देने की सिफारिश भी कर दी गई है। जिसे अभी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की अंतिम मोहर लगना बाकी है। वहीं कई देशों से कोरोना रोधी टीके के रूझान भी सामने आने लगे हैं। जिसमें पता चल रहा है कि टीकाकरण के बाद बच्चों में मायोकार्डिटिस बीमारी के लक्षण दिखने लगे हैं।
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यह बीमारी वास्तव में हृदय को प्रभावित करती है। मायोकार्डिटिस से ग्रस्ति होने पर बच्चों के हृदय की मांसपेशियों में सूजन जैसी समस्या आने लगती है। यह किसी संक्रमण या फिर दवा के साइड इफेक्ट के कारण होती है। इसके पीड़ित मरीजों को सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द, पल्स रेट का बढ़ना और दिल की धड़कन का अचानक तेज होना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा एमआरएनए वैक्सीन के दो डोज लगाने के बाद होता है।
अमेरिका में प्रति 10 लाख बच्चों में से 70 बच्चे मायोकार्डिटिस की चपेट में आए। सरकार को वैक्सीनेशन की रणनीति में बदलाव करना पड़ा। इजराइल में 16 साल से अधिक 54 किशोर इसकी चपेट आ गए हैं जिनमें से एक बच्चे की मौत होने की सूचना मिली है।
कोरोना वैक्सीन (Vaccination of Children) लगने के बाद बच्चों के मायोकार्डिटिस की चपेट में आने की खबरें सामने आने के बाद स्वास्थ्य एजेंसियां मॉनिटर करने में जुटी हुई हैं। मायोकार्डिटिस को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इसको लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। वैक्सीन लगने के बाद बच्चों के खान-पान पर खास ध्यान दें। पानी ज्यादा पीएं। अगर फिर भी सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत हो तो नजदीकी अस्पताल में स्वास्थ्य जांच अवश्य करवाएं।
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