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कौन है वो शख्स जिसने किया ट्रंप के सबसे सिक्रेट प्लान को किया लीक, सोशल मीडिया पर अचानक वायरल होने लगा ग्रुप चैट, दुनिया के सबसे ताकतवर देश में मचा बवाल

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस रिपोर्ट पर सफाई देते हुए कहा कि इस चैट में कोई गोपनीय या संवेदनशील जानकारी साझा नहीं की गई। हालांकि, डेमोक्रेटिक नेताओं और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया है।

BY: Divyanshi Singh • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज),Pentagon Secrecy Breach: दुनिया के सबसे ताकतवर देश में कुछ ऐसा हुआ जिसे सुन और देख हर कोई हैरान है। बता दें कि अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ पर यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान की गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप लगा है। द अटलांटिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, हेगसेथ ने 15 मार्च को सिग्नल ऐप पर एक ग्रुप चैट में हमले का समय और रणनीतिक विवरण साझा किया था, जिसमें वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी और द अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग भी शामिल थे। इस खुलासे के बाद अमेरिकी प्रशासन विवादों में घिर गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका में ट्रंप का विरोध काफी बढ़ सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, हेगसेथ ने ग्रुप चैट में लिखा, “समय अभी (1144 ईटी): मौसम अनुकूल है. हमने CENTCOM से पुष्टि कर ली है, मिशन लॉन्च के लिए हम तैयार हैं.” इसके बाद उन्होंने बताया कि 1215 ईटी पर एफ-18 लड़ाकू विमान उड़ान भरेंगे, 1345 ईटी पर पहला हमला होगा, 1415 ईटी पर ड्रोन हमले किए जाएंगे, और 1536 ईटी पर टॉमहॉक मिसाइलें दागी जाएंगी. हेगसेथ ने ऑपरेशन के बारे में यह भी कहा, “हम ऑपरेशन सिक्योरिटी (OPSEC) के हिसाब से सुरक्षित हैं. हमारे योद्धाओं के लिए शुभकामनाएं.”

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ट्रंप प्रशासन ने लीक को लेकर क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस रिपोर्ट पर सफाई देते हुए कहा कि इस चैट में कोई गोपनीय या संवेदनशील जानकारी साझा नहीं की गई। हालांकि, डेमोक्रेटिक नेताओं और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि सैन्य अभियानों की समयसीमा और रणनीतिक योजना बेहद गोपनीय होती है और इस तरह की जानकारी का लीक होना एक गंभीर सुरक्षा चूक है।

माइक वाल्ट्ज ने ली ग्रुप चैट की जिम्मेदारी

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने इस ग्रुप चैट की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उन्होंने ही सिग्नल ग्रुप बनाया था और इस गलती के लिए वे पूरी तरह जिम्मेदार हैं। हालांकि, उन्होंने इस लीक को कमतर आंकते हुए कहा कि कोई भी ठिकाना, स्रोत या खुफिया रणनीति साझा नहीं की गई। वाल्ट्ज ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के विदेशी साझेदारों को पहले से ही सूचित किया गया था कि ये हमले होने वाले हैं।

कांग्रेस में हंगामा

इस मामले पर अमेरिकी कांग्रेस में भी हंगामा हुआ। सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से पूछा गया कि क्या ऐसी जानकारी गोपनीय मानी जाती है। इस पर उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री को किसी भी जानकारी को वर्गीकृत करने या सार्वजनिक करने का अधिकार है। हालांकि, हेगसेथ ने इसका सीधा जवाब नहीं दिया और सिर्फ इतना कहा कि कोई युद्ध योजना साझा नहीं की गई है और यह मेरी आखिरी टिप्पणी होगी।

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर छिड़ी बहस

हेगसेथ ने ऑपरेशन को सफल बताया और कहा कि अमेरिकी हमले हूथी विद्रोहियों पर भारी पड़ रहे हैं। हालांकि, पेंटागन ने अभी तक इस अभियान से जुड़े कई बुनियादी सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। अब तक कितने हवाई हमले किए गए हैं, कितने हूथी नेताओं को निशाना बनाया गया है, कितने मारे गए हैं या इस ऑपरेशन का कोई आधिकारिक नाम है या नहीं। इन सभी सवालों पर अमेरिकी प्रशासन चुप है। इस पूरे विवाद ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर गंभीर बहस छेड़ दी है।

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