इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
45वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक (45th GST Council Meeting) के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी। पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को आज फिर निराशा हाथ लगी। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद साफ हो गया कि फिलहाल पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाएगा। वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 45वीं बैठक (45th GST Council Meeting) में कई फैसले किए गए हैं।
कई जीवन रक्षक दवाओं को जीएसटी फ्री कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी ऐलान किया कि कोरोना के इलाज से जुड़ी जिन दवाओं पर जीसएटी दर 30 सितंबर तक के लिए घटाई गई थी, उसे बढ़ाकर अब 31 दिसंबर कर दिया गया है। जीएसटी दर में यह कटौती सिर्फ रेमडेसिविर जैसी दवाओं के लिए है। इसमें मेडिकल उपकरण शामिल नहीं हैं।
इससे पहले कोरोना से संबंधित दवाओं पर जीएसटी दरों में छूट दी गई थी जो 30 सितंबर तक लागू थी, अब इस छूट को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाया गया है। जीएसटी दरों में ये छूट सिर्फ दवाइयों में दी जाएगी, पहले जो लिस्ट जारी की गई थी उसमें कई तरह के दूसरे उपकरण भी शामिल थे।
निर्मला सीतारमण ने बैठक में कहा- हमने जनता के हितों वाले फैसले लिए हैं। ये सभी लंबे समय से अटके पड़े थे। आवश्यक दवा को लेकर प्रक्रिया बहुत लंबी थी, जिसको अब टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया गया है। zolgensma और viltepso नाम की बहुत महंगी दवाओं को टैक्स के दायरे से बाहर रखने का फैसला आज हुआ है। कोरोना से संबंधित दवाओं में छूट की सीमा को 3 महीने बढ़ाते हुए 31 दिसंबर तक कर दिया है।
इसमें एम्फोटेरेसिन, रेमडिसिविर समेत 4 दवाओं को फायदा मिलेगा। 7 अन्य दवाओं को 12 प्रतिशत से 7 प्रतिशत की छूट की सीमा को भी 31 दिसम्बर तक बढ़ाया गया है। कैंसर की दवा 12 प्रतिशत के दायरे से हटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। दिव्यांगों के लिए बनी गाड़ियों को अब सिर्फ 5 प्रतिशत कर देना होगा। बायो डीजल में घटोत्तरी करते हुए 12 से 5 प्रतिशत पर लाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जिन दवाओं को टैक्स के दायरे के बाहर रखने का सुझाव आया था, उन्हें भी छूट दी गई है।
उन्होंने कहा- स्विगी-जोमैटो जैसे खाना पहुंचाने वाली सेवाओं के लिए अब आॅर्डर्स के हिसाब से कर वसूली होगी। पुराने टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बस तरीका बदलकर टैक्स लिया जाएगा। अब रेस्टोरेंट्स से टैक्स लेने की जगह जो सेवा प्रदाता है, वो टैक्स देने का काम करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा- पेट्रोल डीजल पर सिर्फ ये हुआ कि कोर्ट के सुझाव पर हमने इस बात को बैठक में रखा। हमने सबसे पूछा कि क्या पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। इस पर ज्यादातर सदस्यों ने कहा नहीं. हम ये बात कोर्ट को जाकर बताएंगे।
मालूम हो कि एक जुलाई 2017 को जब जीएसटी लागू हुआ था तो केंद्र व राज्य सरकारों ने अपने राजस्व के मद्देनजर कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा था। इस पर केंद्र सरकार व राज्य सरकारें अपने-अपने यहां अलग-अलग कर लगाती हैं।
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 101.19 रुपये और डीजल की कीमत 88.62 रुपये प्रति लीटर है। इधर आपके लिए ये जानना जरूरी है कि इस कीमत में से आधे से ज्यादा पैसा टैक्स के रूप में केंद्र और राज्य सरकार के पास जाता है।
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