इंडिया न्यूज नई दिल्ली :
rising temperature: वैसे हर साल मार्च के महीने से ही गर्मी के आगमन का एहसास होेने लगता है। लेकिन अबकी बार शुरू से ही मार्च के महीने में मई-जून जैसी गर्मी का एहसास होने लगा है।
सुबह जल्दी ही सूर्य देव निकल जाते हैं और दिनभर चिलचिलाती धूप से बाहर निकलना मुश्किल होने लगा है। ऐसे में खुद और बच्चों को गर्मी से बचाना एक चुनौती बन गई है।
35 डिग्री तापमान ने लोगों की समस्याओं को बढ़ा दिया है। मौसम विभाग के अनुसार 19 मार्च तक तापमान में 2 डिग्री से 3 डिग्री तक और बढ़ोत्तरी हो सकती है।
आगामी महीनों में गर्मी और बढ़ेगी। यदि तापमान इसी गति से बढ़ता गया तो यह साल पिछले 10 साल का रिकार्ड तोड़ देगा। 2021 में मार्च के अंत तक देश के कई शहरों का तापमान 39 डिग्री तक रिकार्ड किया गया था, लेकिन 2022 में मार्च महीने के मध्य में ही तेज धूप और गर्मी से लोग बीमार हो रहे हैं। बढ़ती गर्मी का हमारे शरीर और दैनिक कार्यों कई तरह से असर पड़ता है, जो इस प्रकार है।
अत्यधिक गर्मी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी पढ़ाई पर भी गर्मी का खासा असर पड़ता है। एक शोध में यह साबित भी हो चुका है। 2018 में किए गए एक शोध में यह पाया गया है कि बढ़ती गर्मी बच्चों के परिणाम पर भी असर डालती है। जिसका असर 21 डिग्री तापमान में ही दिखने लगता है, लेकिन 38 डिग्री तक आते-आते इसका असर बढ़ जाता है।
गर्मी के कारण बच्चे तनाव महसूस करते हैं और पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता है। यह बच्चों के साथ ही नहीं होता, बल्कि गर्मी से हर उम्र के लोग तनाव महसूस करने लगते हैं। यदि आप अधिक तापमान वाली जगह पर रहते या काम करते हैं तो काम में मन नहीं लगता।
गर्मी के मौसम में हमे अपने खानपान का ध्यान रखना चाहिए। खाने में ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल कम या न के बराबर करें जिनकी तासीर गर्म होती है। ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करें।
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