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Karnataka: कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने की तैयारी शुरू, भाजपा ने किया घेराव

Shubham Pathak • LAST UPDATED : June 17, 2023, 3:14 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़),Karnataka,कर्नाटकः कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में धर्मांरतण विरोधी कानून को रद्द करने की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके बाद कर्नाटक (Karnataka) कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने पर मुहर लगा दी है और ऐसे कायास लगाए जा रहे है कि, जल्द ही इस प्रस्ताव को विधानसभा में लाकर पास कराया जाएगा। बता दें कि, कर्नाटक में भाजपा सरकार ने धर्मांतरण को रोकने के लिए ये कानून लागू कराया था। वहीं कांग्रेस के सत्ता में आते ही इस कानून को रद्द करने की खबर सामने आने लगी है। जिसके बाद भाजपा सरकार लगातार कांग्रेस पर हमलावर हो रही है।

सीटी रवि ने कांग्रेस को घेरा

कांग्रेस के द्वारा धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने की खबर सामने आने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि, ‘जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए भाजपा सरकार में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया था। आज कांग्रेस की सरकार जबरन धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है और एक तरह से उन लोगों को लाइसेंस दे रही है, जो लोगों को धर्मांतरण के लिए लुभाते हैं। इसे रोका जाना चाहिए। इसके बाद रवि ने कहा कि, मैंने इस मुद्दे पर साधुओं से बात की है कि अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह हिंदू समाज की रक्षा करें। मैंने अपील की है कि कांग्रेस सरकार के इस फैसले के खिलाफ महापंचायत बुलाई जाए। समाज की रक्षा के लिए सीधी कार्रवाई करने की जरूरत है।’

जानिए क्या है धर्मांतरण विरोधी कानून

आपको बता दें कि, भाजपा सरकार के द्वार कर्नाटक के धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव और प्रलोभन या जबरन एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन कराना गैरकानूनी करार दे दिया गया था। वहीं इस कानून के तहत अपराध गैर जमानती थे और ऐसा करने पर इस कानून में सख्त से सख्त सजा मिवने के भी प्रावधान थे। वहीं आपको ये भी बतातें चले कि, इस कानून में दोषी पाए गए व्यक्ति को 25 हजार रुपए के जुर्माने और तीन से पांच साल की कैद की सजा का प्रावधान था। साथ ही नाबालिग, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों का जबरन या लालच से धर्म परिवर्तन कराने पर तीन से 10 साल की कैद और 50 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान था।

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