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Sadhu Sant Difference You Are Also Being Deceived Sadhus And Saints Are Not The Same You Will Be Stunned To Know The Difference Between The Two
आपको भी हो रहा है धोखा! एक नहीं होते साधु-संत, दोनों के बीच अंतर जान रह जाएंगे भौचक्के
Sadhu Sant Difference: कुम्भ का महीना चल रहा है। बड़े-बड़े साधु संत का आगमन यहां हो रहा है। देश विदेश के लोगों में भी यहां के बारे में जानने की इच्छा बढ़ रही है।
India News (इंडिया न्यूज), Sadhu Sant Difference: कुम्भ का महीना चल रहा है। बड़े-बड़े साधु संत का आगमन यहां हो रहा है। देश विदेश के लोगों में भी यहां के बारे में जानने की इच्छा बढ़ रही है। बहुत से लोग अभी तक नहीं जानते हैं कि भारत की क्या संस्कृति है या यहाँ साधु संतों को कितना महत्व दिया जाता है। हमारे देश भारत की धार्मिक परंपरा में साधु और संत का बहुत ही सम्माननीय स्थान है। हम या दुनिया भर के लोग अक्सर इन दोनों शब्दों को एक ही मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों में बहुत बड़ा अंतर होता है? आज हम आपको एक सरल और आसान तरीके से बताएंगे कि साधु और संत में क्या अंतर होता है।
साधु कौन होते हैं?
साधु वह व्यक्ति होता है जो जीवन के भौतिक सुखों से दूर रहकर अपनी साधना (ध्यान और योग) में लीन रहता है। उसका मुख्य उद्देश्य अपने मन, आत्मा और शरीर को शुद्ध करना होता है। साधु कभी भी समाज से दूर नहीं होता, बल्कि उसका ध्यान पूरी तरह से अपनी साधना पर होता है।
साधु की खास बात यह होती है कि उसे किसी तरह का विशेष ज्ञान रखने की जरूरत नहीं होती। वे साधना के जरिए जीवन के अनुभव से ज्ञान प्राप्त करते हैं। साधु का जीवन सादगी और तपस्या से भरा होता है। वे अपने अंदर के काम, क्रोध, मोह और लोभ जैसे विकारों से छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं।
अब बात करते हैं संत की। संत वे लोग होते हैं जो अपने जीवन में आत्मज्ञान (स्वयं का ज्ञान) प्राप्त करते हैं और फिर समाज को सही राह दिखाने का काम करते हैं। संत का मुख्य उद्देश्य सत्य का पालन करना होता है। संत अपने विचारों और कार्यों से लोगों को सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
संत का जीवन समाज के लिए बहुत ही प्रेरणादायक होता है। उदाहरण के लिए संत कबीरदास, संत तुलसीदास और संत रविदास जैसे महान संतों ने अपने समय में समाज में बड़े बदलाव लाने की कोशिश की। संत का जीवन ज्ञान से भरा होता है और वे समाज में जागरूकता फैलाने के लिए अपनी बातें कहते हैं।
साधु और संत में क्या अंतर होता है?
अब आप सोच रहे होंगे कि साधु और संत में क्या अंतर है? तो, तो, ये अंतर उनकी ज़िंदगी जीने के तरीके में है।
साधु का जीवन मुख्य रूप से आध्यात्मिक साधना पर केंद्रित होता है। वे समाज से कुछ अलग रहते हैं और केवल अपने आत्मज्ञान की खोज करते हैं।
संत समाज से जुड़े रहते हैं और लोगों को सही राह दिखाने का काम करते हैं। एक संत का जीवन मुख्यतः समाज में परिवर्तन लाने और जागरूकता फैलाने पर केंद्रित होता है।