India News (इंडिया न्यूज),Mughal Badshah Babar: भारतीय इतिहास में मुगल सल्तनत का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है क्योंकि मुगल बादशाहों ने दिल्ली पर सबसे लंबे समय तक इस्लामी शासन किया था। भारत में मुगल सल्तनत की नींव जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर ने रखी थी, जो उज्बेकिस्तान की फरगाना घाटी के अंदजान गांव का निवासी था। बाबर के पिता उमर शेख मिर्जा फरगाना के शासक थे। अपने पिता की मृत्यु के कारण बाबर को मात्र 11 वर्ष की आयु में ही सत्ता संभालनी पड़ी थी।
बाबर को इसलिए भी ज्यादा खतरनाक माना जाता था क्योंकि उसमें इतिहास के दो सबसे क्रूर शासकों तैमूर लंग और चंगेज खान का खून था। दरअसल बाबर के पिता उमर शेख क्रूर शासक तैमूर के वंशज थे, जबकि बाबर की मां क्रूर मंगोल सम्राट चंगेज खान की वंशज थीं। बाबर को बेहद क्रूर शासक माना जाता था, लेकिन इतिहासकारों ने ये भी लिखा है कि युद्ध में क्रूर दिखने वाला बाबर असल में नरम दिल वाला था। बाबर के नरम दिल होने की कहानी इतिहासकार हरबंश मुखिया ने लिखी है, जिसमें कहा गया है कि एक खरबूजा देखकर बाबर रोने लगा था। मुखिया ने लिखा है कि युद्ध में जाने से पहले बाबर को किसी ने खरबूजा खाने को दिया था, जिसे देखकर बाबर बेहद खुश हुआ था।
Mughal Badshah Babar: आखिर क्या हुआ जो खरबूजा देख रोने लगा बाबर?
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खरबूजा देखकर बाबर बहुत खुश हुआ और अचानक रोने लगा। अपने राजा को रोता देख दरबार में बैठे सभी लोग हैरान रह गए। डरे हुए दरबारी ने जब बाबर से इसका कारण पूछा तो उसने कहा कि वह खुशी के मारे रो रहा है क्योंकि उसने कई सालों बाद खरबूजा देखा था। वैसे तो बाबर ने भारत में सबसे लंबी मुगल सल्तनत कायम की थी, लेकिन वह खुद सिर्फ 4 साल तक ही राज कर पाया था। 1526 में दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले बाबर की 1530 में सिर्फ 47 साल की उम्र में मौत हो गई थी। तब बाबर का बेटा हुमायूं राजा बना था।