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India News (इंडिया न्यूज), Sleep Problem: नींद संबंधी विकार तेजी से बढ़ती एक समस्या के रुप में उभर रहा है जिसका खतरा लगभग हर उम्र के लोगों में देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि हम सभी रात में कम से कम 6-8 घंटे की नींद तो लेना ही चाहिए। अनिद्रा की समस्या के कारण न केवल थकान और कमजोरी जैसी समस्याएं होने का खतरा हो सकता है, बल्कि अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो रक्तचाप और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी इसका लंबे समय का दुष्प्रभाव हो सकता है।
लेकिन क्या आपको भी रात को बिस्तर पर जाने के बाद काफी देर तक नींद नहीं आती? सोने की हर कोशिश करने के बाद भी आपको इसमें दिक्कत महसूस होती है? अगर हां, तो समय रहते इस संबंध में किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। नींद न आने की समस्या के कई अंतर्निहित कारण हो सकते हैं जिन पर गंभीरता से ध्यान देने की जरुरत है।
अध्ययनों से पता चलता है कि, लंबे समय तक नींद की समस्या से पीड़ित लोगों में कैंसर विकसित होने और इस बीमारी से मरने का खतरा अधिक हो सकता है। नींद की कमी का आपके स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे मूड में बदलाव, याददाश्त की समस्या और सोचने और ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है।
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नींद का तनाव एक शब्द है जिसका उपयोग अनिद्रा का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिसका अर्थ है कि आप सोने के लिए बार-बार प्रयास करते हैं और इसे प्राप्त करने में असफल होते हैं। नींद की अच्छी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी यह है कि हम तनाव और चिंता को कम करने की कोशिश करें। इसमें हमारी जीवनशैली और खान-पान का भी बड़ा योगदान माना जाता है। आप कुछ आदतों में सुधार करके नींद की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का इसको लेकर कहना है कि, जीवनशैली की आदतों में सुधार करके आप अपनी नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। इसके लिए कुछ आदतों पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
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