India News (इंडिया न्यूज), Divorce Rate In India: भारत में शादी को आम तौर पर जीवन-मरण का रिश्ता माना जाता है, क्योंकि यह बहुत ही पारंपरिक देश है। यहां शादी का मतलब है कि आप हमेशा के लिए उस एक व्यक्ति के हो जाते हैं। भले ही भारत में तलाक की दर पश्चिमी देशों की तुलना में बहुत कम है, लेकिन पिछले एक-दो दशकों में तलाक के मामलों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि भारत में शादियां इतनी क्यों टूट रही हैं।
वर्तमान समय में भागदौड़ और व्यस्त जीवनशैली के कारण पति-पत्नी के बीच संवादहीनता बहुत बढ़ गई है। अगर पति-पत्नी दोनों ही ऑफिस जाते हैं और दोनों का काम और समय अलग-अलग होता है, तो भावनात्मक दूरी बढ़ जाती है, जो कई बार गलतफहमी की वजह बन सकती है, ऐसे में तलाक होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
Divorce Rate In India
पहले तलाक को अपशकुन माना जाता था, इसलिए किसी के लिए भी ऐसा फैसला लेना आसान नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे इसे समाज में स्वीकार्यता मिल रही है। शादी टूटना अब इतना असामान्य नहीं रह गया है, खासकर शहरी इलाकों में।
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पिछले कुछ दशकों में महिलाओं की साक्षरता दर में तेज़ी से वृद्धि हुई है, जिससे वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सशक्त बन पाई हैं। उन्होंने अपने जीवन के बारे में खुद फ़ैसले लेना सीख लिया है। जब वे शादी के बाद जीने का अधिकार खो देती हैं, तो उनके लिए तलाक लेना आसान हो जाता है, क्योंकि अब वे अपने पति की दया पर निर्भर नहीं रहती हैं। महिलाओं की कानूनी जागरूकता भी पहले से ज़्यादा है, इसलिए वे अपने कानूनी अधिकारों को अच्छी तरह जानती हैं। Divorce Rate In India
आजकल अक्सर देखा जाता है कि पति-पत्नी दोनों में ही अहंकार की समस्या बहुत ज़्यादा होती है। रिश्ते तभी टिकते हैं, जब एक व्यक्ति नाराज़ हो और दूसरा शांत रहकर मनाने की कोशिश करे। अगर अहंकार की वजह से दोनों बार-बार दुश्मन की तरह लड़ते हैं, तो जाहिर है कि शादी नहीं टिकेगी।
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पहले रिश्ते आमतौर पर माता-पिता और परिवार के बड़े-बुज़ुर्ग तय करते थे, इसलिए किसी भी तरह की अनबन की स्थिति में शादी को बचाना उनकी ज़िम्मेदारी होती थी। इसके उलट, आज के समय में पहले से ज़्यादा प्रेम विवाह हो रहे हैं। प्रेम विवाह को लेकर युवाओं के सपने अक्सर शादी के बाद पूरे नहीं हो पाते। ऐसे में वे खुद ही तलाक लेने का फैसला कर लेते हैं, क्योंकि प्रेम विवाह में आमतौर पर परिवार का सहयोग कम मिलता है।
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