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ज्यादा पसीना आना भी हो सकता हैं इस गंभीर बीमारी का संकेत, एक बार जान ले बीमारी का नाम?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : August 6, 2024, 6:30 pm IST
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ज्यादा पसीना आना भी हो सकता हैं इस गंभीर बीमारी का संकेत, एक बार जान ले बीमारी का नाम?

India News(इंडिया न्यूज), Sweating & Hyperhidrosis: इन दिनों गर्मी का मौसम चल रहा हैं ऐसे में लगभग हर किसी को पसीना आना लाज़मी ही है। लेकिन कुछ लोगो को पसीना बेइंतहा आता है जोकि कही न कही एक अच्छा साइन नहीं हैं। जी हाँ! ज्यादा पसीना आना आमतौर पर शारीरिक गतिविधि, गर्मी, या तनाव के कारण होता है, लेकिन अगर यह समस्या बिना किसी स्पष्ट कारण के होती है, तो यह एक गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। इस स्थिति को हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) कहा जाता है। जिसकी वजह से आपको शरीर में कई संकेत भी देखने मिलेंगे आइये जानते हैं इसके बारे में…..

हाइपरहाइड्रोसिस के प्रकार:

प्राथमिक (Primary) हाइपरहाइड्रोसिस:

  • इसमें पसीना आने का कोई स्पष्ट कारण नहीं होता। यह आमतौर पर परिवारों में पाया जाता है और हथेलियों, पैरों, बगल और चेहरे जैसे खास हिस्सों को प्रभावित करता है।
  • यह अक्सर किशोरावस्था में शुरू होता है और उम्र के साथ जारी रहता है।

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द्वितीयक (Secondary) हाइपरहाइड्रोसिस:

  • यह किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या या दवाई के कारण होता है। इसमें पूरे शरीर में पसीना आ सकता है, और यह दिन या रात किसी भी समय हो सकता है।
  • संभावित कारणों में थायरॉयड की समस्याएं, डायबिटीज, मोटापा, मैनोपॉज, संक्रमण, और कुछ दवाएं शामिल हैं।

हाइपरहाइड्रोसिस का उपचार:

  • प्राकृतिक उपाय: डाइट में बदलाव, स्ट्रेस मैनेजमेंट, और हाइड्रेशन से कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
  • एंटीपर्सपिरेंट्स: अत्यधिक पसीने को कम करने के लिए विशेष एंटीपर्सपिरेंट्स का उपयोग किया जा सकता है।

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मेडिकल ट्रीटमेंट:

  • आईओन्टोफोरेसिस (Iontophoresis): इस प्रक्रिया में हल्की विद्युत धारा का उपयोग कर पसीने की ग्रंथियों को अस्थायी रूप से बंद किया जाता है।
  • बोटॉक्स इंजेक्शन: यह पसीने की ग्रंथियों को उत्तेजित करने वाली नसों को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर सकता है।
  • मेडिकेशन: डॉक्टर कभी-कभी पसीने की ग्रंथियों को नियंत्रित करने के लिए दवाएं भी लिख सकते हैं।
  • सर्जरी: गंभीर मामलों में, पसीने की ग्रंथियों को हटाने के लिए सर्जरी भी की जा सकती है, जिसे एंडोस्कोपिक थोरैसिक सिम्पेथेक्टोमी (ETS) कहा जाता है।

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अन्य संभावित संकेत:

  • रात को पसीना आना: यह कुछ संक्रमणों, कैंसर, या हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है।
  • ठंडा पसीना आना: दिल के दौरे, शॉक, या हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा) का लक्षण हो सकता है।

अगर आपको लगता है कि आपके अत्यधिक पसीने का कारण हाइपरहाइड्रोसिस हो सकता है या यह किसी अन्य गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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