संबंधित खबरें
बुढ़ापे तक रहेगा 'यौन स्टेमिना' भरपूर, जो खा ली ये 5 चीजें…बढ़ती उम्र में शरीर को रखेगा जवां
धरती पर नरक का जीता-जाता चेहरा है ये जेल, जिंदा रहने से ज्यादा मौत की गुहार लगाता है हर कैदी!
रनिंग, स्किपिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, किस एक्सरसाइज से तेजी से घटता है वजन, क्या होता है सही समय और तरीका?
कैंसर-हार्ट की दिक्कत और ना जानें कितनी बिमारियों का खात्मा कर देती है रम, बस आना चाहिए पीने का सही तरीका!
जकड़ गया है गला और छाती? रसोई में पड़ी ये सस्ती देसी चीज मिनटों में करेगी चमत्कार, जानें सेवन का सही तरीका
कपकपाती ठंड में गर्म दूध के साथ इस चीज का कर लिया सेवन, एक ही झटके में फौलाद जितना मजबूत हो जाएगा शरीर
India News (इंडिया न्यूज़), Good Friday 2024, दिल्ली: 29 मार्च को देशभर में गुड फ्राइडे मनाया जाएगा। लोग इस दिन को त्योहार के रूप में जानते हैं लेकिन ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह दिन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि बलिदान का भी दिन है। इस दिन को गुड फ्राइडे के अलावा ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या होली फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। बता दें की ईसाई समुदाय में इसे शोक दिवस के रुप में भी मनाया जाता है। गुड फ्राइड अपने नाम से बिल्कुल उलटा है क्योंकि इस त्योहार को धूमधाम से नहीं बल्कि शांति के साथ मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं क्योंगुड फ्राइडे के दिन मनाया जाता है शोक?
SRH vs MI, IPL 2024: हैदराबाद ने मुंबई को 31 रनों से हराया, हेनरिक ने बनाया 80 रन
अगर अंग्रेजी कैलेंडर की मानें तो इस साल गुड फ्राइडे 29 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन ईसाई धर्म के लोग चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं और उपवास भी रखते हैं। गुड फ्राइडे के दिन मीठी रोटी बनाई जाती है और उपवास के बाद उसे खाया जाता है। इसके साथ ही बता दें की गुड फ्राइडे भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में ईसाई धर्म के लोग मनाते हैं।
IPL 2024, SRH VS MI Highlights: सनराइजर्स ने मुंबई को 31 रन से दी मात, मैच में कई रिकार्ड दर्ज
गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय का एक ऐसा त्योहार है जिस दिन एक दूसरे को शुभकामनाएं नहीं दी जाती, बल्कि इस दिन लोग शोक मनाया जाता हैं। ईसाई धर्म के लोगो के लिए यह दिन बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन प्रेम और शांति के मसीहा प्रभु यीशु को सूली पर लटकाया गया था। इसलिए इस दिन ईसाई धर्म के लोग शोक मनाते हैं। लेकिन इसे एक त्यौहार के तौर पर भी मनाया जाता है क्योंकि मान्यता है कि सूली के चढ़ाए जाने के तीन दिन बाद यानि ईस्टर संडे के दिन ईसा मसीह फिर से जिंदा हो गए थे।
वहीं कुछ लोगों की मान्यता है कि जीसस ने दुनिया के पापों के कारण बहुत दुख झेला और प्रेम के लिए अपने जान दे दी। इसलिए इस दिन ईसा मसीह के बलिदान के तौर पर याद किया जाता है।
SRH vs MI: मैदान में संघर्ष करते दिखे हार्दिक, लगातार मुंबई की दूसरी हार
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.