संबंधित खबरें
ये था विश्व का सबसे पहला कट्टर हिंदू राजा जिसने किया था एक मुगल राजकुमारी से विवाह
किस उम्र में संबंध बनाना एक कपल के लिए होता है सही, जानें सब कुछ
पैरों पर बनी ये नीली नसें देती है इस गंभीर बीमारी का संकेत, लक्षण इतने मामूली कि पहचानना भी हो जाता है मुश्किल, ऐसे करें ठीक पहचान?
सर्दियों में ये रोटी दिखाएगी कमाल, जो कर लिया एक बार इस्तेमाल, मस्त होजायेगा हल!
छा रहा कलियुग का कहर! फैल रही ऐसी बीमारी, मदहोशी में नाचने लगती हैं लड़कियां, जानें क्या होता है असर?
रूम हीटर जलाते हों तो हो जाएं सावधान, ले सकता है आपकी भी जान, भुल से भी न करें ये काम वरना भुगतना पड़ेगा परिणाम!
India News (इंडिया न्यूज), Parenting Tips: पेरेंट्स बनना किसी के लिए भी दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है। कहा जाता है की मां बनने के बाद एक औरत का नया जन्म होता है। एक खुशी अपने साथ काफी सारी जिम्मेदारी भी लेकर आती है जो माता और पिता दोनों को मिलकर निभाई होती है। बच्चों के पालन पोषण में जितना एक मां का सहयोग होता है उतना ही पिता का योगदान भी होता है। मां के साथ ही पिता का भी अपने बच्चों से गहरा कनेक्शन होता है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। लेकिन अक्सर देखने को मिलता है, कि बच्चे चाहे कितने भी बड़े क्यों ना हो जाए उनका कनेक्शन उनकी मां के साथ सारा गहरा होता है। चाहे कोई कितना भी बड़ा या छोटा काम क्यों ना हो बच्चे को हमेशा मां की जरूरत होती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो कुछ मामलों में बच्चे पिता से ज्यादा मां से कनेक्टेड होते हैं।
मां-बाप और बच्चे के रिश्ते की तुलना दुनिया में किसी भी रिश्ते से नहीं की जा सकती हैं। बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास काफी हद तक माता-पिता के पालन पोषण पर निर्भर करता है। इस पर काफी रिसर्च भी की जा चुकी है लेकिन फिलहाल इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि कैसे पालन पोषण के कुछ मामलों में एक मां, पिता से बेहतर होती है।
कहा जाता है कि महिलाओं में केयर करने और इमोशन कनेक्ट करने की क्षमता बचपन से ही होती है। उन्हें सीखने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि हमारा सामाजिक परिवेश ही ऐसा होता है जहां एक महिला को दया सौम्यता से भरा हुआ माना जाता है। इसी वजह से महिला इमोशनल कनेक्ट करने के मामलों में पुरुषों से ज्यादा बेहतर होती हैं। मां बनने के बाद उनका मन और भी ज्यादा गहरा होता चला जाता है। इसलिए इमोशनल कनेक्शन की बात की जाए तो बच्चों का अपने माओ से ने इमोशनल कनेक्शन ज्यादा होता है।
आज के इस दौर में ज्यादातर घरों में महिलाएं और पुरुष दोनों ही वर्किंग होते हैं। लेकिन अगर बात घर की जिम्मेदारियां की आए तो उस मामले में महिलाओं के हिस्से में सारा जिम्मेदारी आती है। यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि महिलाएं मल्टी टास्किंग होती है। वह काम के साथ-साथ बच्चों को और उनकी जिम्मेदारियां को बखूबी संभाल लेती है। फिर चाहे घर का काम करते वक्त बच्चों का होमवर्क करवाना हो क्या उनकी देखभाल करना, मां हर बात में पिता से बेहतर साबित होती है।
बच्चे जब छोटे होते हैं तो मां उनके रोने से समझ जाती है कि वह किस चीज से परेशान है। चाहे वह भूख हो या कोई और वजह अक्सर देखने में आता है कि बच्चों के साथ कुछ भी गलत होने पर या फिर झूठ बोलने पर मां तुरंत पहचान लेती है। बच्चों के बड़े हो जाने के बाद भी मां चेहरा देखकर पहचान जाती है कि उसका बच्चा किस चीज से परेशान है। यही वजह है कि ज्यादा बच्चों का कंफर्ट लेवल पिता की जगह उनकी मां के साथ होता है।
ये भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.