India News (इंडिया न्यूज़), Travel, दिल्ली: भारत में कई सारी जगह घूमने वाली है। जहां परिवार और सोलो ट्रिप के लिए जा सकते हैं, लेकिन भारत में कुछ गुमनाम जगह ऐसी भी है। जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे है। आज कि रिपोर्ट में हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बारे में जान के आप भी अचंभित रह जाएंगे।

यह एक गांव है। जिसका नाम कोंगथोंग है और यह मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से करीब 60 किलोमीटर दूर है। इस गांव की खासियत यह है कि इसको व्हिसलिंग विलेज के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां पर लोग एक दूसरे का नाम नहीं लेते बल्कि सिटी बजाकर एक दूसरे को बुलाते हैं। सुनने में काफी अजीब लगता है लेकिन यह वहां के लोगों का दिनचर्या गया है।

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अनोखी है यह परंपरा

कोंगथोंग गांव की परंपरा भी बेहद ही अजीब है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यहां दो नाम वाले लोग रहते हैं। एक तो उनका साधारण नाम होता है और दूसरा उनकी खुद की खास धुन होती है। वही इस धुन वाले नाम के दो स्वरूप होते हैं। जिसमें लंबा और छोटा गीत शामिल है। बता दे कि पहली धुन वह है जो मां अपने बच्चों को देती है। वही दूसरा धुन आपस में बातचीत के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Travel

Kongthong

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कैसे शुरू हुई परंपरा Travel

इस परंपरा के पीछे एक कहानी छुपी है। जिसमें कहा जाता है कि दो दोस्त रास्ते में जा रहे थे और उसे दौरान कुछ गुड्डू ने उन्हें घेर लिया। ऐसे में एक दोस्त तो पेड़ पर चढ़ गया लेकिन दूसरा दोस्त नीचे ही था। उसको बचाने के लिए पहले दोस्त ने कई तरह की धुन का इस्तेमाल किया। जिसके बाद उसके दोस्त को इसका पता चला और उसकी जान बच गई। जिसके बाद से यह परंपरा इस गांव में चलने लगी और सभी को अपनी एक धुन मिल गई।

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