Fertility पर गर्भनिरोधक के असर को लेकर 5 बड़ी गलतफहमियां जिसे अभी कर लें दूर

Fertility Facts: गर्भनिरोध (Contraception) और प्रजनन क्षमता (Fertility) को लेकर आज भी समाज में कई भ्रांतियाँ मौजूद हैं. ये मिथक न केवल महिलाओं और पुरुषों में अनावश्यक डर और चिंता पैदा करते हैं, बल्कि कभी-कभी गलत फैसले लेने का कारण भी बन जाते हैं. सही जानकारी न होना परिवार नियोजन और स्वास्थ्य संबंधी निर्णयों में बाधा डाल सकता है.

 गर्भनिरोधक उपाय लेने से क्या होता है?

कई लोग मानते हैं कि गर्भनिरोधक गोलियां, आईयूडी या इंजेक्शन लेने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता स्थायी रूप से खत्म हो जाती है. लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि यह पूरी तरह गलत है. ये सभी उपाय केवल अस्थायी रूप से गर्भधारण को रोकते हैं. जैसे ही इन्हें बंद किया जाता है, महिला की फर्टिलिटी सामान्य रूप से लौट आती है. उदाहरण के तौर पर, गर्भनिरोधक गोलियों को बंद करने के 1-2 महीने के भीतर ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन) सामान्य रूप से शुरू हो जाता है.

लंबे समय तक गर्भनिरोध लेने से क्या होता है?

कुछ लोग सोचते हैं कि अगर लंबे समय तक गर्भनिरोधक उपयोग किया जाए तो भविष्य में गर्भधारण की क्षमता में देरी होगी. हालांकि, यह भी सत्य नहीं है. हार्मोनल पिल्स या आईयूडी के लंबे समय तक इस्तेमाल का फर्टिलिटी पर कोई स्थायी असर नहीं होता. ज्यादातर मामलों में, चाहे आपने महीनों या सालों तक गर्भनिरोध लिया हो, प्रजनन क्षमता जल्दी वापस आ जाती है. केवल डीएमपीए (Depo-Provera) इंजेक्शन में ओव्यूलेशन लौटने में 6 से 12 महीने का समय लग सकता है.

हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स को क्या होता है?

कई महिलाओं को डर होता है कि हार्मोनल पिल्स या आईयूडी उनके यूटेरस या अंडाशय को स्थायी नुकसान पहुंचा सकते हैं. लेकिन वास्तविकता यह है कि ये उपाय केवल अस्थायी रूप से ओव्यूलेशन रोकते हैं या यूटेरस की परत और सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव करते हैं. इससे कोई स्थायी हानि नहीं होती और आपके प्रजनन अंग पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं.

गर्भनिरोधक का उपयोग करते समय ब्रेक लेना जरूरी है क्या?

कुछ लोग मानते हैं कि गर्भनिरोधक को लगातार इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और बीच-बीच में ब्रेक लेना जरूरी है. यह धारणा भी गलत है. नियमित और सही तरीके से गर्भनिरोधक का इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित है. इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते और यह आपके रिप्रोडक्टिव हेल्थ को भी सपोर्ट करता है.

क्या हार्मोन-फ्री या “नेचुरल” तरीके असरदार होते है?

बहुत से लोग मानते हैं कि केवल हार्मोनल उपाय ही कारगर हैं और अन्य विकल्प जैसे कंडोम, कॉपर आईयूडी या फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स प्रभावहीन हैं. यह धारणा भी गलत है. कॉपर आईयूडी की सफलता दर 99% से अधिक है और यह 10 साल तक सुरक्षित रहती है. कंडोम न केवल गर्भधारण रोकते हैं, बल्कि एसटीडी से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं. डायाफ्राम और फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड्स भी सही तरीके से इस्तेमाल करने पर प्रभावी साबित हो सकते हैं.
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