Night Owl vs Morning Bird: कई लोगों की आदत होती है रात में जल्दी सोने की और कई लोगों की आदत होती है देर रात तक जगे रहने की. लेकिन कभी- कभी मन में यह सवाल उठता है कि क्या सुबह जल्दी उठने वाले लोग ज्यादा फोकस्ड और क्रिएटिव होते है या फिर रात भर जागने वाले लोग. यह बहस विज्ञान की दुनिया से लेकर सोशल मीडिया तक काफी चर्चित रहती है. हमारा शरीर एक नैचुरल घड़ी पर काम करता है जो तय करती है कि हम कब सबसे ज़्यादा प्रोडक्टिव, क्रिएटिव या अलर्ट महसूस करते हैं. लेकिन क्या “रात में जागने वालों” और “सुबह उठने वालों” का दिमाग सच में अलग-अलग काम करता है? कई स्टडीज़ से पता चलता है कि हमारी नींद का पैटर्न न सिर्फ़ हमारी आदतों को बदलता है, बल्कि हमारे दिमाग के काम करने के तरीके को भी बदलता है. आइए साइंटिफिक नज़रिए से सच्चाई को समझते हैं.
स्टडी से क्या पता चलता है?
वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे सोने के तरीके न सिर्फ़ हमारी पसंद पर बल्कि हमारी सोचने की क्षमता पर भी असर डाल सकते हैं. एक बड़ी स्टडी में 26,000 से ज़्यादा लोगों की मेंटल परफॉर्मेंस की जांच की गई। नतीजे हैरान करने वाले थे: जिन लोगों ने खुद को “नाइट आउल” बताया, यानी जो देर तक जागते हैं, उन्होंने कॉग्निटिव टेस्ट में उन लोगों से बेहतर स्कोर किया जो जल्दी उठते थे. इंटरमीडिएट क्रोनोटाइप वाले लोग, जो न तो पूरी तरह से नाइट आउल हैं और न ही पूरी तरह से मॉर्निंग टाइप के, उन्होंने भी जल्दी उठने वालों से बेहतर परफॉर्म किया.
नाइट आउल होना दिमाग के लिए अच्छा है, लेकिन…
कई स्टडी में पाया गया है कि देर तक जागने से सेहत पर लंबे समय तक असर पड़ सकता है. रिसर्च से पता चलता है कि नाइट आउल को मेटाबोलिक प्रॉब्लम, खराब ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन रेजिस्टेंस, दिल की बीमारी और समय से पहले मौत का थोड़ा बढ़ा हुआ खतरा जैसी समस्याओं का ज़्यादा खतरा होता है. वहीं हाल ही में हुई एक स्टडी से पता चला है कि जल्दी उठने वालों का BMI कम होता है, कमर का घेरा छोटा होता है, ट्राइग्लिसराइड और ग्लूकोज़ का लेवल बेहतर होता है और HDL (“अच्छा” कोलेस्ट्रॉल) ज़्यादा होता है.
क्या सुबह जल्दी उठने वालों का टाइम पीरियड बदला जा सकता है?
इसे पूरी तरह बदलना मुश्किल है क्योंकि यह बायोलॉजिकल है. लेकिन एक रेगुलर रूटीन बनाए रखने से आपको कुछ हद तक अपने सोने के पैटर्न को एडजस्ट करने में मदद मिल सकती है और इसका एक फ़ायदा है अगर आपका सोने का शेड्यूल समाज के शेड्यूल से मेल खाता है, तो आपका मूड, फ़ोकस, प्रोडक्टिविटी और यहाँ तक कि मेटाबॉलिज़्म भी बेहतर हो सकता है.
नाइट आउल होने के Disadvantage
थकान
कमज़ोर कॉन्संट्रेशन
मेंटल स्ट्रेस
वज़न बढ़ना
वज़न कम होना
कमज़ोर इम्यूनिटी
नींद के लिए कोई एक “सही फ़ॉर्मूला” नहीं है
नींद के लिए कोई एक “सही फ़ॉर्मूला” नहीं है. कुछ लोग रात में अच्छी नींद लेते हैं, तो कुछ सुबह. अपने शरीर की ज़रूरतों को समझना और उसी के हिसाब से अपना रूटीन बनाना ज़रूरी है.