संबंधित खबरें
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
छत्तीसगढ़ में इंडिगो फ्लाइट को मिली धमकी, इमरजेंसी हुई लैंडिग
ऑटो में बैठी थी महिला तभी पीठ पर किसी ने फेरा हाथ, पीछे मुड़ी तो कांप गई रूह, देखें सबसे डरावने 5 मिनट की झलक
खिचड़ी बनी जानलेवा, मौत से पटना में लोगों का रो रो कर हुआ बुरा हाल
India News(इंडिया न्यूज),Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। जहां प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली शराब नीति मामले के एक आरोपी के खर्च पर गोवा के एक सात सितारा होटल में रुके थे। जानकारी के लिए बता दें कि अरविंद केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने दावा किया कि जांच के दौरान एक भी ऐसा बयान नहीं दिया गया जो आम आदमी पार्टी प्रमुख को दोषमुक्त करता हो।
एसवी राजू ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का बचाव करते हुए और उनकी जमानत का विरोध करते हुए दावा किया कि केजरीवाल गोवा के ग्रैंड हयात होटल में रुके थे, जिसके बिल का भुगतान दिल्ली शराब नीति मामले के आरोपियों में से एक, चैरियट एंटरप्राइजेज ने किया था। वहीं लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, वकील ने दावा किया कि फर्म ने अवैध नकदी स्वीकार की थी, जिसे कथित तौर पर आप के गोवा अभियान में लगा दिया गया था। इसके साथ ही एएसजी राजू ने कहा, “हमारे पास सबूत है कि गोवा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल के होटल खर्च… यह गोवा में 7 सितारा ग्रैंड हयात होटल था… बिल का भुगतान चेरियट एंटरप्राइजेज द्वारा किया गया था और हमारे पास इस आशय के दस्तावेजी सबूत हैं।” अदालत में, बार और बेंच को सूचना दी गई।
एजेंसी ने दावा किया कि उसके पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि अरविंद केजरीवाल ने व्यवसायियों के हितों के अनुकूल शराब नीति बनाने के लिए उनसे 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। वकील ने कहा, शुरुआत में एजेंसी का ध्यान अरविंद केजरीवाल की भूमिका पर नहीं था. इसमें दावा किया गया कि जांच आगे बढ़ने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री की भूमिका स्पष्ट हो गई।
ये भी पढ़े:- Israel Hamas War: गाजा पर इजरायल ने शुरू किया राफा ऑपरेशन, जो बिडेन ने फिर दी नेतन्याहू को चेतावनी -India News
इससे पहले, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल के वकील की इस दलील पर प्रवर्तन निदेशालय से सवाल किया कि वह जांच का मुख्य फोकस नहीं थे और रिश्वत का सवाल बाद में आया। इसके साथ ही न्यायमूर्ति खन्ना ने यह भी कहा कि यह किसी भी जांच एजेंसी के लिए अच्छा नहीं है कि किसी मामले की जांच में दो साल लग गए। इसके साथ ही अंतिम में अदालत ने पूछा कि, “एकमात्र मुद्दा यह उठता है कि जांच में इतना समय क्यों लगा और सवाल क्यों नहीं पूछे गए।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.