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 Bihar : बहन की मौत के बाद भाई ने एसडिओ को सौंपा आवेदन, सील हुआ अवैध निजी क्लीनिक, जानें पूरी खबर

BY: Itvnetwork Team • LAST UPDATED : September 15, 2023, 4:37 pm IST
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 Bihar : बहन की मौत के बाद भाई ने एसडिओ को सौंपा आवेदन, सील हुआ अवैध निजी क्लीनिक, जानें पूरी खबर

Bihar

India News (इंडिया न्यूज़) : मुंगेर जिले के संग्रामपुर सरकारी अस्पताल के पीछे आरएसएम नर्सिंग होम नामक एक नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालन हो रहा था। इस नर्सिंग होम चर्चा में इसलिए है क्योंकि यहां एक गर्भवती महिला का ऑपरेशन हो रहा था। ऑपरेशन ठीक से न होने के कारण उस महिला की मृत्यु हो गई। इसके बाद परिजनों के हंगामें के बाद क्षेत्र के प्रभारी एसडीओ तारापुर राकेश रंजन कुमार ने नर्सिंग होम को सील कर दिया।

आरएसएम नर्सिंग होम में रह रहे मरीजों को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरकारी अस्पताल संग्रामपुर ले जाया गया।इसकी निगरानी अनुमंडल पदाधिकारी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने की। बताया जा रहा है की अस्पताल में कुल पांच मरीज भर्ती थे।

संदेह पूर्ण निकली डॉक्टर की डिग्री

एसडीओ को नर्सिंग होम के बारे में इसलिए पता चला क्योंकि पीड़िता के भ्राता ने बताया था कि उनकी बहन की वहां ऑपरेशन के दौरान मौत हो गयी है। नर्सिंग होम के डॉक्टर संजीव कुमार श्रीवास्तव से पूछताछ की गई तो पता चला कि नर्सिंग होम ठीक से पंजीकृत नहीं था और और उनके द्वारा नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया।डॉक्टर की योग्यता संदिग्ध लग रही थी एवं उनके द्वारा जो डिग्री दिया गया था वह भी संदेहजनक लगी।

जब डॉक्टर से बायोलॉजी और अन्य कुछ शब्द लिखने के लिए कहा गया, तो वह ऐसा नहीं कर सके, जिससे उन्हें और भी अधिक संदेह हुआ। इसके अलावा नर्सिंग होम में अलग-अलग क्षेत्रों की रहने वाली पांच गर्भवती महिलाओं का भी ऑपरेशन किया गया था। यह स्पष्ट नहीं था कि ये ऑपरेशन किसने किए थे।

झूठी बिमारी बताकर मरीजों को ठगा

जब एक मरीज रेशमी देवी से उनके अनुभव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें आशा नाम की कोई व्यक्ति नर्सिंग होम लेकर आई थी और वहीं पर ऑपरेशन और दवा दी गई थी। इसके लिए उन्हें काफी पैसे चुकाने पड़े। एक अन्य मरीज पूजा कुमारी ने बताया कि उनका ऑपरेशन पांच दिन पहले हुआ था। उनके बच्चे का इलाज अब भागलपुर में चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वे खांसी और दर्द से पीड़ित थी। उन्होंने इलाज के लिए 30 हजार रुपये चुकाए थे।

वे भी आशा के साथ नर्सिंग होम आई थी और क्लिनिक के बारे में नहीं जानती थी। अन्य मरीजों की भी ऐसी ही कहानियां थीं, जिसके कारण नर्सिंग होम को सील कर दिया गया। अधिकारियों को मुंगेर जिले में और भी अवैध नर्सिंग होमों की जांच करने की जरूरत है, लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन द्वारा मुंगेर और जमालपुर में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि, मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड में अब भी अवैध नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही इन नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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