India News (इंडिया न्यूज़) Bihar : विश्व के सात अजूबों के चर्चे तो आम हैं। लेकिन कहीं कुछ खास दिखाई देने पर लोग उसे आठवां अजूबा का नाम देने लगते है। हम हिन्दुस्तान के एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में जानेंगे। इस स्टेशन में वर्ष में एक बार पन्द्रह दिनों के लिए खूब भीड़ जमा होती है। वह भी पितरों के मोक्ष दिलाने वाले पितृपक्ष के दौरान।

अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन

मिली जानकारी के अनुसार अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन से महज तीन किलोमीटर दूर पुनपुन नदी है। जहां पितृपक्ष के दौरान पूर्व मध्य रेलवे से दो दर्जन सवारी और एक्सप्रेस ट्रेनों का अस्थायी ठहराव होता है। ये सभी ट्रेनें पूरे पितृपक्ष के दौरान 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक रूकती है। ताकि पिण्डदानी यहां उतरकर पुनपुन नदी के घाट पर पिण्डदान कर सके।

1976 के बाढ़ में हुआ ध्वस्त

बता दें कि कई वर्ष पूर्व रेलवे की ओर से यहां आने वाले यात्रियों के लिये तमाम सुविधायें उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन आज वर्तमान में इस स्टेशन पर कोई सूविधा उपलब्ध नहीं हैं। यहां का टिकट काउन्टर पूरी तरह से बंद हो चुका है।यात्रियों को बिना टिकट के यात्रा करना पड़ता है। जबकि यह पहला पिंड वेदी है। यह घाट वर्ष 1975 तक सुसज्जित तरीके का घाट था। लेकिन वर्ष 1976 के बाढ़ में ध्वस्त हो गया। तब से यहां कोई नया घाट का नही बना है।

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