इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Booster Dose: देश-दुनिया में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखी जा रही है। कोरोना की तीसरी लहर के लिए सबसे बड़ी वजह ओमिक्रॉन वेरिएंट बताया जा रहा है। सबसे पहले यह वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में मिला। इस वेरिएंट की वजह से भारत, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों में रिकॉर्ड संख्या में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं।
भारत में बढ़ते कोरोना केसों को देखते हुए केंद्र सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में 60+वालों को वैक्सीन की तीसरी डोज, यानी बूस्टर डोज देने का ऐलान किया था, जो लगनी भी शुरू हो चुकी है। अब इसको लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। जैसे कि जो बुजुर्ग कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, क्या उन्हें तीसरी डोज की जरूरत है या नहीं। बता दें इन सभी सवालों का जवाब एक टेस्ट में सामने आ जाएगा, जिसका नाम है एंटीबॉडी टेस्ट। आइए जानते हैं क्या है एंटीबॉडी, कैसे होता है यह टेस्ट।
सबसे पहले आपके शरीर से ब्लड सैंपल लिया जाता है। इसके बाद सैंपल को लैब को जांच के लिए भेजा जाता है। इसकी रिपोर्ट आने पर एंटीबॉडीज का पता चलता है। इसके बाद इसे सीरोलॉजिकल टेस्ट भी कहते हैं।
एंटीबॉडी टेस्ट करवाने में लगभग 500 से 1000 हजार तक का खर्च आ सकता है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने हाल ही में एंटीबॉडी की जांच के लिए डिप्कोवैन किट बनाई थी, जिसकी कीमत मात्र 75 रुपए है।
वहीं एंटीबॉडी टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट मिलने में ज्यादा देर नहीं लगती है। आपको एक या दो घंटे के अंदर रिपोर्ट मिल जाती है।
नहीं, सिर्फ वैक्सीन से एंटीबॉडीज नहीं बनती हैं। अगर कोरोना से रिकवर हो चुके हैं और उसके बाद एंटीबॉडीज टेस्ट करवा रहें हैं तब भी शरीर में एंटीबॉडी बनेगी, जो टेस्ट करवाने पर पता चल जाएगी। आप चाहें तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
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