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Omicron Threatens Everyone: कई देशों में ओमिक्रॉन बनता जा रहा डोमिनेंट वेरिएंट

Suman Tiwari • LAST UPDATED : January 10, 2022, 11:21 am IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Omicron Threatens Everyone: कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से पूरी दुनिया में अपने पैर पसार चुका है और दो महीने से भी कम समय में ये दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। डेल्टा की तुलना में 70 गुना ज्यादा संक्रामक ओमिक्रॉन तेजी से दुनिया के कई देशों में डोमिनेंट वेरिएंट बनता जा रहा है। देश में हर रोज अब संक्रमण की संख्या एक से डेढ़ लाख के पार हो रही है।

(Omicron Risk) बताया जा रहा है कि जनवरी के आखिरी हफ्ते और फरवरी में हर रोज कोरोना के 10 लाख मामले सामने आ सकते हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस और (आईआईएससी) और इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट (आईएसआई) ने एक स्टडी की बुनियाद पर ये अनुमान जाहिर किया है। वहीं अमेरिका और यूरोप में ओमिक्रॉन की वजह से नए कोरोना केस के रिकॉर्ड बन रहे हैं।

कई देशों में नए केस के लिए Omicron Variant जिम्मेदार

  • एक्सपर्ट्सों के मुताबिक, आने वाले कुछ दिनों या हफ्तों में ओमिक्रॉन ही डोमिनेंट वेरिएंट बन जाएगा। अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में इंटरनेशनल इंफेक्टिशियस डिजीज के डायरेक्टर और एमडी, डॉक्टर का कहना है कि अमेरिका के न्यू इंग्लैंड इलाके में करीब शत-प्रतिशत मामले अब ओमिक्रॉन के हैं और डेल्टा वेरिएंट वहां से लगभग खत्म हो चुका है।
  • (Omicron World Updates) जनवरी के पहले हफ्ते तक ब्रिटेन में कोरोना के नए मामलों में करीब 96 फीसदी और अमेरिका और फ्रांस में 80 फीसदी से ज्यादा मामलों के लिए ओमिक्रॉन जिम्मेदार था। साउथ अफ्रीका जहां पहली बार ओमिक्रॉन मिला था, वहां भी 93 फीसदी से ज्यादा केसेज अब इसी वेरिएंट के हैं।
  • Omicron India cases: भारत में भी दिसंबर अंत तक नए केस में से करीब 350 फीसदी ओमिक्रॉन के थे। जनवरी के पहले हफ्ते तक लगभग 40 फीसदी नए केस के लिए ओमिक्रॉन जिम्मेदार था। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे महानगरों में तो कोरोना के नए केस में से करीब 75 फीसदी ओमिक्रॉन के हैं।

कब आएगा कोरोना का पीक?

आईआईटी कानपुर ने और अब हाल ही में आईआईटी मद्रास ने स्टडी में एक से 15 फरवरी के दौरान देश में ताजा लहर का पीक आने की संभावना जताई है। अमेरिकी एक्सपर्ट के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना का पीक जनवरी अंत तक आ सकता है और फरवरी में मामले घटने शुरू हो जाएंगे और मार्च तक जिंदगी के पटरी पर लौट आने की संभावना है।

क्या है पॉजिटिविटी रेट 

  • सीधे शब्दों में कहें तो पॉजिटिविटी रेट कोरोना वायरस के फैलने का इंडिकेटर होता है। (Omicron Positivity Rate) पॉजिटिविटी रेट बढ़ने का मतलब होता है कि कुल कोरोना टेस्ट में से पॉजिटिव मिलने वाले केस की संख्या बढ़ रही है। पॉजिटिविटी रेट बढ़ने का मतलब होता है कि कुल किए गए कोरोना टेस्ट में से पॉजिटिव पाए जाने वालों की संख्या बढ़ी है।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 09 जनवरी तक देश का डेली पॉजिटिविटी रेट 10.21 फीसदी और वीकली पॉजिटिविटी रेट 6.77 फीसदी हो गया है। आने वाले दिनों में इसके और तेजी से बढ़ने की आशंका है। देश की आर वैल्यू भी बढ़कर 4 हो गई है, यानी अब एक संक्रमित व्यक्ति 4 लोगों को संक्रमित कर सकता है। दूसरी लहर के दौरान देश की आर वैल्यू 1.9 थी।
  • अमेरिकी एक्सपर्ट के अनुसार, कई देशों में डेली पॉजिटिविटी रेट 20%-25 फीसदी तक पहुंचने की आशंका है। पॉजिटिविटी रेट का पर्सेंट इस बात का संकेत होता है कि जिस देश या इलाके में कोरोना टेस्टिंग हो रही है, वहां इंफेक्शन कितना फैला है।

Omicron Threatens Everyone

सबको होगा ओमिक्रॉन, तभी बनेगी हर्ड इम्यूनिटी?

  • ओमिक्रॉन को लेकर संभावना जताई जा रही है कि ये कोरोना के अंत की शुरुआत हो सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि जितनी तेजी से ये फैल रहा है, उससे किसी का भी इससे बचना मुश्किल है और एक बार सभी के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की आशंका है। ऐसा होने पर ही इस वेरिएंट के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो पाएगी।
  • अमेरिकी एक्सपर्ट का कहना है कि ओमिक्रॉन से बचने का रास्ता ही नहीं है और ये एक बार सबको होगा, तभी इसके खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी विकसित होगी। ओमिक्रॉन जितनी तेजी से फैल रहा है, ऐसे में इससे दुनिया में हर्ड इम्यूनिटी जल्दी विकसित होने की संभावना है।
  • हर्ड इम्यूनिटी एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें लगभग पूरी आबादी में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित हो जाती है। ऐसा पिछले या वर्तमान इंफेक्शन या वैक्सीनेशन की वजह से हो सकता है।
  • अमेरिका के टेनेसी स्थित वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के डॉ. विलियम शेफनर का मानना है कि अगर 2022 में ओमिक्रॉन के बाद और नए वेरिएंट नहीं आए तो ये कोरोना के अंत या एंडेमिक की ओर बढ़ने की शुरुआत हो सकती है।

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ओमिक्रॉन ऊपरी श्वसन अंग पर करता है अटैक

ओमिक्रॉन अपर रेस्परेटरी ट्रैक्ट यानी गले पर अटैक करता है, इसलिए ये तेजी से फैलता है। कोरोना के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में ओमिक्रॉन लोअर रेस्परेटरी ट्रैक्ट जैसे- फेफड़ों को कम प्रभावित करता है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की एक हालिया स्टडी में भी ओमिक्रॉन से फेफड़ों के सेल को कम प्रभावित होने की बात कही गई है।

ज्यादातर संक्रमित होंगे एसिम्प्टोमेटिक?

  • दुनिया में आ रहे ओमिक्रॉन के ज्यादातर केस एसिम्प्टोमेटिक हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में ओमिक्रॉन केस में से करीब 70 फीसदी मामले एसिम्प्टोमेटिक हैं। देश के ओमिक्रॉन केस में से 90 फीसदी उन लोगों में मिले हैं, जोकि वैक्सीनेटेड हैं।
  • यानी ओमिक्रॉन के वैक्सीन को चकमा देने की आशंका भी सच साबित होती दिख रही है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन के मुताबिक, शुरूआती स्टडी दिखाती हैं कि ओमिक्रॉन भले ही डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलता है, लेकिन इसके लक्षण कम गंभीर हैं और ज्यादातर केस एसिम्प्टोमेटिक हैं।
  • Also Read : Coronavirus India Update देश में कोविड के नए केस 1.30 लाख के पार, दिल्ली में 750 से ज्यादा डॉक्टर पॉजिटिव

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