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चंद्रयान-3 मिशन और भारत की झोली में असीमित अंतरिक्ष

Itvnetwork Team • LAST UPDATED : August 24, 2023, 2:02 pm IST
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चंद्रयान-3 मिशन और भारत की झोली में असीमित अंतरिक्ष

India News (इंडिया न्यूज़), Rajeev Sharma, Chandrayaan-3 : 6 सितंबर 2019 और 23 अगस्त 2023 में कोई बड़ा फर्क है तो ये कि 2019 में चंद्रयान 2 की असफलता पर इसरो चेयरमैन के आंसू पोछते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान 3 के सफल मिशन पर भारत के गर्व के पलों को बयान कर रहे थे, 23 अगस्त को भारत के वैज्ञानिकों ने आखिरी पलों के तनाव को चरम पर जिया ज़रूर लेकिन सॉफ्ट लैंडिंग ने पलक झपकते ही गर्व से भर दिया और तनाव को भी छूमंतर कर दिया। इसरो के ज़रिए अंतरिक्ष यात्रा में लगे भारत के लिए यह सिर्फ राष्ट्रीय गौरव की बात नहीं है, चंद्रयान-3 की सफलता का भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत वास्तविक प्रभाव पड़ने जा रहा है।

चंद्रयान-3 की सफलता अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई तकनीक

दुनिया पहले ही स्पेस मिशन प्रयासों से रोजमर्रा के लाभ महसूस कर चुकी है, सैटेलाइट इमेजिंग, पोजिशनिंग और नेविगेशन के डेटा की बढ़ती मांग, रिपोर्ट्स बताती हैं कि अब अंतरिक्ष भी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा फैक्टर बनता जा रहा है। भारतीय परिप्रेक्ष्य में इसका इशारा इसरो द्वारा विदेशी सेटेलाइट्स के अंतरिक्ष में भेजे जाने और उसके जरिए हजारों करोड़ की कमाई करने के रूप में भी सामने आता दिख रहा है इस लिहाज से भी चंद्रयान-3 की सफलता अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई तकनीक और जानकारी का वो खजाना भारत को मुहैया कराएगी जिसकी विश्व को ज़रूरत है, और इसके ज़रिए भारत की स्पेस आधारित इकॉनमी को बढ़ावा मिलना भी तय है।

भारत की अर्थव्यवस्था 2025 तक 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद

स्पेस फाउंडेशन की एक रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2023 के पहले छह महीनों में ही 546 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है, वहीं ये भी नहीं भूलना होगा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2025 तक 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर की होने की उम्मीद जताई जा रही है। यानि अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदम, भारत को आर्थिक रूप से संपन्न करने का ज़रिया बन रहे हैं।

चंद्रयान -3 के ज़रिए इसरो यानि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का उद्देश्य न केवल चंद्रमा पर पानी के सबूतों की निर्णायक रूप से खोज करने वाला पहला मिशन बनना है, साथ ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी जुटाना है जहां पर उतरने वाला पहला देश भारत बना है और ये जानकारियां वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिहाज़ से बेशकीमती हैं।

भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन

चंद्रयान-3 की लैंडिंग नई और अनोखी जानकारी के खजाने के कपाट तो खोलती ही है साथ ही ये इशारा देती है कि इसके जरिए भारत वास्तविक आर्थिक लाभ प्राप्त करने की एक बड़ी कोशिश भविष्य में कर सकता है अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया। इससे अंतरिक्ष में कुछ कर गुजरने का भारत का रवैया तो जाहिर ही होता है साथ ही दुनिया की स्पेस पावर्स को यह इशारा भी देता है की अंतरिक्ष में लग रही दौड़ में भारत की भागीदारी दमदार तरीके से सामने आ रही है।

भारत के लिए अंतरिक्ष के दरवाजे खोल दिए हैं

यक़ीनन चंद्रयान-3 की सफलता आगे आने वाले दिनों में चंद्रयान-4 और चंद्रयान 5 और इसी तरीके से और भी कई मिशनों को प्रेरित करेगी लेकिन इसके जरिए भारत चंद्रमा पर स्थाई बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भी अपने कदम बढ़ा सकता है और अगर ऐसा होता है तो यकीन मानिए कि इसरो नए पैमाने स्थापित करेगा, चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत के लिए असीमित अंतरिक्ष के दरवाजे खोल दिए हैं।

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