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Ganjepan ke karan आज की आम समस्या, गंजापन

Sunita • LAST UPDATED : October 22, 2021, 6:38 am IST

Ganjepan ke karan

नेचुरोपैथ कौशल

Ganjepan ke karan बदलती जीवन शैली और तनावपूर्ण जीवन

गंजेपन के कारण कोई भी व्यक्ति अपनी उम्र से बड़ा दिखाई देने लगता है औऱ यही गंजापन पहुंचा सकता है अपने आत्मविश्वास को ठेस। हालांकि गंजापन जीवन के लिए कोई खतरनाक बीमारी नहीं है। हेयर लॉस और बाल्ड्नेस किसी व्यक्ति की दिखावट में क्रमिक बदलाव लाते हैं।

गंजेपन के कारण कोई भी व्यक्ति अपनी उम्र से बड़ा दिखाई देने लगता है और एक बार जब बाल उड़ने लगते हैं तो उन्हें रोकना बहुत मुश्किल होता है। बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन आनुवांशिक कारणों के अलावा रक्त विकार, किसी विष का सेवन कर लेने से, उपदंश, दाद, एक्जिमा आदि के कारण ऐसा हो जाता है।

गंजेपन के मनोवैज्ञानिक पहलू

थोड़ा बहुत गंजापन उनमें भी देखा जा सकता है जो इससे प्रभावित नहीं होते लेकिन बालों का गिर जाना किसी व्याक्ति के आत्म विश्वास और आत्मत प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाता है। हालांकि गंजापन जीवन के लिए कोई खतरनाक बीमारी नहीं है लेकिन मनोवैज्ञानिक कारणों से यह चिंता और व्याकुलता का कारण बनता है।

गंजेपन से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण मसला यह है कि इससे आत्म‍ सम्मान में भारी गिरावट आती है विशेषकर मेल पैटर्न बाल्डनेस में जो शुरूआती अवस्था में होने पर भावनात्मक परेशानी का सबब बनता है और निजी तथा प्रोफेशनल दोनों प्रकार के जीवन को प्रभावित करता है।

लगभग 40% पुरूष बाल गिरने की समस्या से पीड़ित होते हैं फिर भी इसे मामूली समस्या समझा जाता है और इससे पीड़ित लोग उपेक्षा महसूस करते हैं। चूंकि फीमेल पैटर्न बाल्डनेस में ज़्यादातर बाल विरल होते हैं और यह 30 से 40 की आयु में अपना असर दिखाता है। लेकिन यह पुरूषों की तरह दिखता नहीं हालांकि यह भी समान रूप से परेशान करने वाला होता है।

तनाव और बालों का गिरना (Ganjepan ke karan)

बालों का गिरना पुरूषों और महिलाओं दोनों के लिए ही तनावपूर्ण है जिससे हीन भावना उत्पंन्न होती है। आकर्षणहीनता का अहसास होता है और सामाजिक दूरी बनती है। आत्मप्रतिष्ठा और शारीरिक छवि धूमिल होती है और तनाव बढ़ता है।
इन मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर व्यक्ति की उम्र, वैवाहिक स्थिति और बालों के गिरने की सीमा का असर पड़ता है।
कई शोधों से भी इस बात का पता चला है कि तनाव होने से बाल गिरते हैं।

तनाव और बालों के गिरने की समस्या से निपटना…

दिखाई देने वाले बालों में एकाएक भारी परिवर्तनों का सामना करना काफी कठिन है विशेषकर जब ये व्यक्ति के नियंत्रण से बाहर हों। इसके बजाय इसे स्वीकार कर लेना ही आसान लगता है। बाल किसी व्यीक्ति का अभिन्न अंग नहीं होते बल्कि एक सकारात्मक नज़रिया और अच्छा व्यक्तित्व ही आपको आकर्षक बनाता है।

यदि समस्‍या उपचार योग्या नहीं है तो अपना धैर्य न खोएं क्योंकि चिकित्सा जगत (मेडिकल फील्ड) में हो रहे नित नए विकास के साथ नई उम्मीदें कायम हैं। न ही हर किसी को बाल गिरने की समस्या को लेकर चिंतित होकर चिकित्सकीय सहायता ही लेनी चाहिए उन्हें इस बाधा को पीछे छोड़कर जीवन का सामना करना सीखना चाहिए।

बाल्ड एंड ब्युटीफुल (Ganjepan ke karan)

क्यों नहीं?
ब्रूस विलीज, सीन कॉनरी, विन डीज़ल, आंद्रे अगासी और ऐसे ही अनेक लोगों के बारे में सोचें, यह सूची अंतहीन है। ये सभी गंजे हैं लेकिन अपने क्षेत्रों में इनका दबदबा है। सिर पर बाल न होने या बहुत कम बाल होने के बावजूद उनमें वो अपील है जो उनके घने बालों वाले जोड़ीदार साथी नहीं अर्जित कर सके।

Ganjepan ke karan

शायद गंजापन ही उनकी प्रमुख खूबी है जो उनको औरों की तुलना में अलग तरह से आकर्षक बनाती है। होड़ से अलग हटते हुए गंजापन एक विकल्प नहीं बनाया जा सकता लेकिन स्वयं में एक विशिष्ट पसंद अवश्य हो सकता है।

बाल गिरने की रोकथाम संबंधी प्रोडक्ट्स और‍ रिस्टो्रेशन सर्जरी आदि पर दुनिया भर के लाखों लोग हजारों फूंक चुके हैं इस आशा में कि उनके बाल फिर से घने घुंघराले हो जाएंगे। हालांकि यह देखना भी बिल्कुल मजेदार है कि लोग किस तरह से अपना गंजापन छुपाने के लिए इसे ढंकने की तरकीबों का सहारा लेते हैं। हर व्यक्ति के लिए यह समझना समान रूप से महत्वपूर्ण है कि गंजेपन को स्वीकार करना समान रूप से अच्छा विकल्प बन सकता है (और शायद ज़्यादा स्वास्थ्‍यप्रद विकल्प भी)।

हेयर लॉस और बाल्ड्नेस (बालों का गिरना और गंजापन)

किसी व्यक्ति की दिखावट में क्रमिक लेकिन नाटकीय बदलाव लाता है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। सामने वाले की दिखावट को लेकर चिंता प्रकट करना मानवीय प्रवृत्ति है और गंजेपन की स्थिति में यह और ज़्यादा होती है क्योंकि गंजे लोग बुजुर्ग, बोरियत भरे और पौरूषहीन माने जाते हैं वहीं दूसरी ओर उनको अधिक बुद्धिमान भी समझा जाता है। वस्तुतः सड़कों पर घास नहीं उगती।

तनाव और गंजापन (Ganjepan ke karan)

मेल पैटर्न बाल्डनेस से पीड़ित पुरूषों के डिप्रेशन और एंन्जाईटी (अवसाद और हताशा) से ग्रस्त होने की संभावना अधिक रहती है यदि यह समस्या उनको शुरूआती उम्र में तब परेशान करे जब वे अपनी छवि को लेकर अत्यधिक कांशियस होते हैं।

दिखावट में परिवर्तनों को लेकर हर किसी को भावनाओं के एक चक्र से गुजरना होता है जैसे नकारना, क्रोध, हल ढूंढना, अवसाद (हताशा) और स्वीकार्यता। जब किसी व्यक्ति पर गंजेपन का पहला हल्का सा असर होता है तो व्यक्ति इसे नकारता है क्योकि वह इसे स्वीकार करने में अक्षम होता है।

(Ganjepan ke karan)

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