होम / Government System Broke In Corona: प्राइवेट अस्पतालों ने बीमा कंपनियों से तीन गुना ज्यादा हेल्थ क्लेम का रुपया वसूला

Government System Broke In Corona: प्राइवेट अस्पतालों ने बीमा कंपनियों से तीन गुना ज्यादा हेल्थ क्लेम का रुपया वसूला

Suman Tiwari • LAST UPDATED : January 16, 2022, 1:21 pm IST
ADVERTISEMENT
Government System Broke In Corona: प्राइवेट अस्पतालों ने बीमा कंपनियों से तीन गुना ज्यादा हेल्थ क्लेम का रुपया वसूला

Government System Broke In Corona

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Government System Broke In Corona: भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने कोहराम मचा दिया है। 2019 से लेकर अब तक ना जाने कितने लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हुए होंगे। इस महामारी में कितने लोगों ने अपनों को खोया भी है। आप सोचो अगर परिवार में किसी सदस्य को कोरोना या कोई बीमारी हो जाती है और आप अस्पताल में इलाज के लिए उसे ले जाते हैं, और उपचार के दौरान व्यक्ति की मौत हो जाती है। इसी मौके पर उसकी लाश के साथ यदि आपको लाखों रुपये का बिल थमा दिया जाए तो आपको कैसा महसूस होगा? यह सोच कर रूह कांप जाती है। आइए जानते हैं कि प्राइवेट अस्पतालों और (Health Insurance Company) बीमा कंपनियों ने कोरोना के नाम पर कैसे लूट मचा रखी है?।

(Indian Government Health Insurance) देश में बीमा कंपनियों को कंट्रोल करने वाली सबसे बड़ी संस्था भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ”एक स्वायत्त एजेंसी है जो भारत में बीमा उद्योग को नियंत्रित करती है”। के मुताबिक, महामारी के दौरान अस्पतालों ने इंश्योरेंस कंपनियों से तीन गुना ज्यादा हेल्थ क्लेम का रुपया वसूला है। वहीं, इस आपदा के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की कमाई भी बढ़ी है।

कोरोना की दूसरी लहर में प्राइवेट अस्पतालों ने जमकर कमाया

  • covid treatment hospital protocol: बताया जाता है कि दूसरी लहर में जब कोरोना ने हाहाकार मचाया था तो पूरे देश में सरकारी हेल्थ सिस्टम घुटनों के बल आ गया था। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में बेड ना मिलने की वजह से लोग जान बचाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचे थे। लेकिन ये क्या वहां पर भी उन्हें अपनी जान की कीमत भारी भरकम बिल चुका कर अदा करनी पड़ी। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि अस्पतालों ने पहले की तुलना में बीमा कंपनियों से तीन गुना ज्यादा पैसे वसूले हैं।
  • (covid hospital treatment process) एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल में बीमा कंपनियों ने एक मरीज पर एवरेज एक लाख की दर से अस्पतालों को पेमेंट किया है। जबकि 2018 में इंश्योरेंस कंपनियों ने एक मरीज पर एवरेज 39 हजार रुपए की दर से अस्पतालों को पेमेंट की थी। बता दें कोरोना महामारी के पहले और महामारी के बाद के डेटा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई। यह डेटा कुल क्लेम की संख्या और क्लेम के कुल पैसे के अधार पर निकाला गया है।

 इंश्योरेंस कंपनी मरीजों को क्लेम का पैसा देने से नहीं कर सकती मना : सुप्रीम कोर्ट

  • एक तरफ कोरोना महामारी में हेल्थ पॉलिसी लेने वालों की संख्या दोगुनी हो रही थी। वहीं, दूसरी तरफ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां मरीजों को क्लेम का रुपया देने में ना-नुकुर कर रही थीं। अगस्त 2020 में एक इंश्योरेंस कंपनी ने मरीज को क्लेम का पैसा देने से इनकार किया, तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इस केस में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, महामारी के दौरान इंश्योरेंस कंपनी बीमार मरीजों को क्लेम का पैसा देने से इनकार नहीं कर सकती है।
  • Company Earn Rs 6,268 Crore In A Month: रिकॉर्ड बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर के बाद से हेल्थ पॉलिसी खरीदने वालों की संख्या में बढोतरी होने लगी थी। अक्टूबर 2020 में पॉलिसी खरीदने वालों की संख्या में 40 से 70 फीसदी की वृद्धि हुई। स्वास्थ बीमा कंपनियों की सलाना कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कंपनियों ने सिर्फ एक माह अगस्त 2020 में 6268 करोड़ रुपए प्रीमियम के पैसे से कमाए हैं।
  • बताया जाता है कि एक साल पहले अगस्त 2019 में ही इन कंपनियों ने 4,981 करोड़ रुपए प्रीमियम से कमाए हैं। (covid treatment insurance policy) इस बात से साफ है कि कोरोना की वजह से पहले की तुलना में लोगों ने बीमा कंपनियों को सिर्फ एक महीने में 1287 करोड़ रुपए का प्रीमियम ज्यादा दिया।

 Government System Broke In Corona

भारत में 70 फीसदी लोग हेल्थ इंश्योरेंस जुड़े हैं

  • नीति आयोग ने अक्टूबर 2021 में हेल्थ इंश्योरेंस फॉर इंडियाज मिसिंग मिडिल नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि देश की 70फीसदी आबादी किसी न किसी स्वास्थ्य बीमा के दायरे में है। इनमें राज्य सरकार की योजनाएं, सामाजिक बीमा योजनाएं और प्राइवेट कंपनियों की बीमा पॉलिसी शामिल हैं। साथ ही देश में रहने वाले 30 फीसदी यानी करीब 40 करोड़ लोग बीमा से वंचित हैं।
  • इन लोगों को रिपोर्ट में मिसिंग मिडिल कहा गया है। मिसिंग मिडिल वाले ग्रुप में ज्यादातर गरीब लोग हैं। (Death Claim Settlement) ये सरकारी अस्पतालों और हेल्थ सिस्टम पर निर्भर हैं। इसी वजह से दूसरी लहर के दौरान इलाज नहीं मिलने की वजह से सबसे ज्यादा मौतें इन्हीं लोगों की हुईं।

हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम का क्या स्टेटस है?

  •  आईआरडीएआई ने 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार व्यक्तिगत जीवन बीमा के मामले कुल 11.01 लाख क्लेम्स कंपनियों को मिले थे। इसमें से जीवन बीमा कंपनियों ने 10.84 लाख क्लेम्स का पेमेंट किया, जिसकी कुल रकम 26,422 करोड़ रुपए थी।
  • बीमा कंपनियों ने 9527 क्लेम्स को स्पष्टीकरण मिलने के बाद खारिज कर दिया। इसकी रकम 865 करोड़ रुपए थी, जबकि 3,032 क्लेम को सीधे खारिज कर दिया गया। इसकी रकम 60 करोड़ रुपए थी। वर्ष के अंत में लंबित क्लेम्स 3,055 थे। इनकी राशि कुल 623 करोड़ रुपए थी।

भारतीय ज्यादा पैसा खर्च करते हैं स्वास्थ्य पर

इकनॉमिक सर्वे 2021 में कहा गया है कि भारत के लोगों को अपनी आय का सबसे ज्यादा पैसा स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ता है। सरकार सरकारी हेल्थ सुविधाओं पर कम खर्च करती है, ऐसे में आम भारतीय नागरिक अपनी हेल्थ के लिए 65 फीसदी खर्च अपनी जेब से करते हैं।साल 2017-18 में भारत में रहने वाले लोगों ने इलाज के लिए अपनी जेब से करीब 1.38 लाख करोड़ रुपए खर्च किए थे। इनमें सबसे ज्यादा पैसा दवा और अस्पताल पर लोगों ने खर्च किए हैं।

Also Read : Omicron Affect In USA अमेरिका में ओमिक्रॉन की सुनामी

Connect With Us: Twitter Facebook

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

दिल्ली में  प्रदूषण को लेकर  SC का बड़ा फैसला.. लागू रहेगा ग्रेप 4, सरकार से मांगी रिपोर्ट
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर SC का बड़ा फैसला.. लागू रहेगा ग्रेप 4, सरकार से मांगी रिपोर्ट
288 जलस्रोत पर गंभीर संकट, प्रदेश में 206 सदानीरा नदियां और गदेरे सूखने के कगार पर
288 जलस्रोत पर गंभीर संकट, प्रदेश में 206 सदानीरा नदियां और गदेरे सूखने के कगार पर
Tejashwi Yadav: ललन सिंह के बयान पर भड़क उठे तेजस्वी यादव! BJP को भी घेरा
Tejashwi Yadav: ललन सिंह के बयान पर भड़क उठे तेजस्वी यादव! BJP को भी घेरा
चलती रोड पर शख्स पर तान दी पिस्तौल…उसके बाद जो हुआ, वीडियो देख उड़ जाएगे आपके होश
चलती रोड पर शख्स पर तान दी पिस्तौल…उसके बाद जो हुआ, वीडियो देख उड़ जाएगे आपके होश
2 पक्षों में विवाद सुलझाने गए दरोगा की हो गई जमकर पिटाई, लोगों ने बनाया बंधक,  फिर ऐसी हालत में….
2 पक्षों में विवाद सुलझाने गए दरोगा की हो गई जमकर पिटाई, लोगों ने बनाया बंधक, फिर ऐसी हालत में….
Delhi Pollution News: दिल्ली सरकार और पुलिस के कामकाज पर SC का सवाल, कोर्ट कमिश्नर ने गिनाईं ये कमियां
Delhi Pollution News: दिल्ली सरकार और पुलिस के कामकाज पर SC का सवाल, कोर्ट कमिश्नर ने गिनाईं ये कमियां
Bihar Politics: ‘एक हो जाएं, सेफ हो जाएं’ -NDA का आया तेजस्वी यादव को प्रस्ताव
Bihar Politics: ‘एक हो जाएं, सेफ हो जाएं’ -NDA का आया तेजस्वी यादव को प्रस्ताव
संभल में हुई हिंसा में इस्तेमाल हुआ खतरनाक हथियार…एक वार में हो जाएगा काम तमाम, पुलिस के छूटे पसीने
संभल में हुई हिंसा में इस्तेमाल हुआ खतरनाक हथियार…एक वार में हो जाएगा काम तमाम, पुलिस के छूटे पसीने
अपर्णा यादव ने संभल बवाल पर दिया बयान, गुंडई बर्दाश्त नहीं करेगी योगी सरकार
अपर्णा यादव ने संभल बवाल पर दिया बयान, गुंडई बर्दाश्त नहीं करेगी योगी सरकार
Rishabh Pant यूं ही नहीं बने IPL इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी, जानें वो 2 वजहें जो बदल देंगी भारत का क्रिकेट!
Rishabh Pant यूं ही नहीं बने IPL इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी, जानें वो 2 वजहें जो बदल देंगी भारत का क्रिकेट!
Kaithal Accident News: चलती कार बनी आग का गोला, कुछ ही मिनटों में जलकर हुई राख
Kaithal Accident News: चलती कार बनी आग का गोला, कुछ ही मिनटों में जलकर हुई राख
ADVERTISEMENT