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इंडिया न्यूज, मुंबई:
Happy Birthday Jeetendra: बॉलीवुड जंपिंग मैन जितेन्द्र आज अपना 80वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। दरअसल 7 अप्रैल 1942 को पंजाब में जन्म लेने वाले जितेंद्र का असली नाम रवि कपूर है। जितेन्द्र ने शुरूआत के 18 साल मुंबई के चॉल में बिताया। बता दें कि जितेन्द्र ने बॉलीवुड में काफी नाम कमाया और आज उनकी बेटी एकता कपूर टीवी से लेकर फिल्म इंडस्ट्री तक पर राज कर रही हैं। खूब नाम और शोहरत पा चुके जितेन्द्र की शुरूआती कहानी संघर्ष भरी हैं। बता दें कि जितेन्द्र ने शुरूआत के 18 साल मुंबई के चॉल में बिताया। अन्नू कपूर ने जितेन्द्र से जुड़ा यह मजेदार किस्सा अपने शो ‘सुहाना सफर’ पर सुनाया था।
उन्होंने बताया कि जितेन्द्र के पापा और अंकल फिल्मों में जूलरी सप्लाई का काम किया करते थे। सबकुछ तब तक सही चल रहा था जब एक दिन उनके पिता को हार्ट अटैक आया और इसके बाद जितेन्द्र का घर संभाल पाना मुश्किल हो गया। इसके बाद जितेन्द्र ने कुछ सोचा और अंकल से कहा कि उन्हें वी. शांताराम से मिलना है। हालांकि जितेन्द्र जो सपना लेकर उनके पास गए थे, वह तब चकनाचूर हो गया जब शांताराम ने कहा- तुम कोशिश करना चाहते हो तो करो लेकिन मैं तुम्हें चांस नहीं दूंगा। हालांकि, बाद में उन्हें वहां से कॉल आया लेकिन उन्हें पता चला कि उन्हें रोल तब दिया जाएगा जब कोई जूनियर आर्टिस्ट नहीं आएगा।
ऐक्टिंग का मौका मिले न मिले, उन्हें रोज राजकमल स्टूडियो के सेट पर आना था और पगार था 105 रुपये महीना। हालांकि, वी. शांताराम ने उन्हें झिड़क तो दिया था लेकिन काम के दौरान जितेन्द्र कुछ न कुछ ऐसा कर जाते कि वह उनकी नजरों में छा गए थे। और फिर वी. शांताराम ने जब अपनी अगली फिल्म की शुरूआत की तो जितेन्द्र को स्क्रीन टेस्ट देने के लिए कहा गया। हालांकि, जब उन्हें बुलाया गया तो वह काफी हैरान थे क्योंकि वह फिल्म ‘सेहरा’ का एक डायलॉग ठीक से बोल नहीं पाए थे और 30 टेक भी दिए थे। हालांकि, इसके बावजूद उन्हें स्क्रीन टेस्ट के लिए आॅफर मिला।
बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपना स्क्रीन टेस्ट क्लियर कर लिया और यह फिल्म थी ‘गीत गाया पत्थरों ने’। और फिर वी. शाताराम ने ही उनका नाम बदल दिया और अब वे रवि कपूर नहीं बल्कि जितेन्द्र कहलाने लगे। हैरानी की बात ये है कि जब वह सपोर्टिंग रोल कर रहे थे तो वह 150 रुपये महीने का एक्स्ट्रा कमाते थे, लेकिन जब वे हीरो सिलेक्ट हुए तो उनके पैसे घट गए। उन्हें 6 महीने तक कोई पैसे नहीं मिले। उनकी सैलरी 150 से घटाकर 100 रुपये कर दी गई थी।
उन्हें बताया गया कि चूंकि उन्हें ब्रेक दिया जा रहा है इसलिए यही सैलरी मिलेगा और इसके लिए वह तैयार भी हो गए। जितेंद्र ने धीरे-धीरे बॉलीवुड में अपनी अलग जगह बना ली। उन्होंने लगभग 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया उन्होंने अपने पूरे करियर में परिवार, जीने की राह, वारिस, खिलौना, हमजोली, बिदाई, धर्म वीर, जानी दुश्मन हिम्मतवाला, खुदगर्ज, फर्ज, गहरी चाल, जुदाई सहित कई शानदार फिल्मों में काम किया है जिनमें कई सुपरहिट रही हैं। एक्टर के साथ उन्होंने निमार्ता और निर्देशक के तौर पर भी काम किया और सुर्खियां बटोरीं।
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