India News (इंडिया न्यूज़), Health Tips : कोरोना तो खत्म हो गया है लेकिन उसका असर अब भी दिखाई दें रहा है। कोरोना की वजह से लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। वहीं कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव लोगों के लिवर पर पड़ा है, इसकी वजह से फफड़े कमजोर हो रहे है। जिससे सांस लेने में परेशानी हो रही है। अब भी कोई न कोई समस्या हो रही है उनमें से सबसे बड़ी है खांसी।

बता दें कि हिन्दूस्तान के पेपर के अनुसार यह बताया गया कि पिछले एक महिने में कानपुर के हैलेट अस्पताल 1100 से ज्यादा मरीज भर्ती हुए वह सभी वायरल बुखार से पीड़ित थे साथ ही खांसी से भी। आधे से ज्यादा मरीज तो खांसी पीड़ित है। वहीं मेडिसिन विभाग ने बताया है कि इन सभी मरीजों की जब जांच कि गई तो पचा चला कि यह सभी ही कोरोना से संक्रमित थे। कोरोना ने इन के फफड़ो को कमजोर कर दिया है जिसकी वजह से इन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है और इन्हें खांसी आ रही है।

खांसी पीछा ही नहीं छोड़ रही

वहीं हैलेट अस्पताल के ओपीडी में महीनेभर में करीब दो हजार मरीज ऐसे है जिनकी 5,6 दिन के अंदर ही तबीयत ठीक हो गई लेकिन खांसी पीछा नहीं छोड़ रही है। बता दें कि खांसी को ठीक होने में तकरीबन दो से तीन महिने लग पहे है। वहीं कुछ में तो महीनेभर का समय लगने के बाद भी खांसी पूरी तरह से ठीक नहीं हो रही है।

हड्डियों में हो रहा दर्द

वायरल बुखार कि वजह से लोगों के शरीर में अलग-अलग हिस्सों में दर्द हो रहा है। बता दें कि जोड़ो के दर्द से लेकर पीठ, कंधे और बांह के दर्द के मरीज आ रहे है। वहीं ऐसी परेशानी वालें मरीजों की उम्र 35 से 50 कि है।ॉ

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