इंडिया न्यूज़, Health Tips : गर्मी का हाल तो कुछ यू है कि यह दिन पर दिन बढ़ती ही चली जा रही है। देश के कई शहर ऐसे है जहां का टेम्प्रेचर 45 डिग्री के पार चला गया है। गर्मियों से लोगो का बुरा हाल हो गया है। इस गर्मी में सूरज की तेज किरणे जब हमारे सिर पर और आँखों में पड़ती है तो बहुत सी खतरनाक बीमारियों को लेकर आती है। हम सिर्फ धुप की बात नहीं कर रहे है बल्कि इस गर्मी की उन गर्म हवाओ मतलब लू की भी बात कर रहे है। जो हमे बीमार कर देती है। इस गर्मी में लोगो को आँखों इन्फेक्शन शरीर पर लाल धब्बे आदि जैसे इफेक्ट्स हो जाते है।
यह तो हो गयी जब हम घर से बाहर निकलते है तो गर्मी का क्या प्रभाव पड़ता है। अब हम आपको बता दे इस तपती गर्मी से बचने के लिए हम घर में ही एक बीमारी के कारण को पाल लेते है। जी हाँ सही सुना आपने घर में बीमारी का कारण होता है जिसका नाम है AC, लोग गर्मी से बचने के लिए पूरा दिन AC का सहारा लेते है आपको बता दे ज़्यादा AC भी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और बीमारी का कारण बन सकता है।
हम इस लेख में उन चीज़ो के बारे में बताने जा रहे है जिस पर डॉक्टर्स ने अपनी सलाह दी है। डॉ से बातचीत करने पर हमे बहुत से सवालों के स्टिक उतर प्राप्त हुए है। हम आपको आगे गर्मियों में होने वाले गलत इफेक्ट्स, गर्मियों से कैसे आँखों को बचाये और AC से होने वाले डॉयनेस से कैसे बचा जा सकता है इन सब चीज़ो के बारे में बताने जा रहे है।
गर्मियों में पड़ने वाली तपती धुप में अल्ट्रावायलेट रेडिएशन (Ultraviolet radiation) में भी तीन गुना वृद्धि हो जाती है। जिसका पूरा असर हमारी आंखों पर पड़ता है। तेज धूप में UV किरणों से आंखों के ऊपर बनी टीयर सेल यानी आंसुओं की परत टूटने या क्षतिग्रस्त होने लगती है।
यह स्थिति कॉर्निया के लिए हानिकारक हो सकती है। इस मौसम में बाहर उड़ने वाली धूल आंखों में एलर्जी पैदा करती है। इसके गर्मी के कारण टीयर्स, यानी आंसू सूख जाते हैं, जिससे लोगों को आंखों में ड्राइनेस की सबसे ज्यादा परेशानी होने लगती है।
अधिक गर्मी होने के कारण हमारी आँखों में एलर्जिक रिएक्शन होने लगते है आंखों में जलन होना, आंखें लाल हो जाना, आंखों से पानी आना, आंखों में चुभन होना, कंजक्टिवाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis): हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है, इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं। जब कंजक्टिवा की छोटी-छोटी रक्त नलिकाएं सूज जाती हैं, तब ये अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगती हैं और आंखों का सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखने लगता है।
इसलिए इसे पिंक आई भी कहा जाता है। कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वाइरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है। छोटे बच्चों में टियर डक्ट के पूरी तरह खुला न होने से भी अक्सर पिंक आई की समस्या हो जाती है।
पटैरिजियम (Pterygium) : गर्मियों में अधिक टेम्प्रेचर आँखों को बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ रोगियों को फोटोफोबिया जैसी समस्या भी होती है। यदि एक्सपोजर लंबा है तो इससे कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है पटैरिजियम जैसी समस्या हो सकती है। इसमें आंखे के सफेद हिस्से के टिश्यू जरूरत से ज्यादा बढ़ जाते हैं और आंखों के काले हिस्से तक पहुंच जाते हैं। लू की वजह से डिहाइड्रेशन हुआ तो आंखों में दर्द और जलन हो सकती है।
ड्राई आई हो जाना (Dry Eye) : जब गर्मियों में मौसम कुछ गर्म और सूखा सूखा सा होता है ड्राई आई की समस्या को उत्पन कर देता है, क्योंकि आंखों की टियर फिल्म तेजी से सूख जाती है। इससे आंखों में जलन और खुजली की समस्या होती है। जिन लोगों को पहले से ही यह समस्या है, उनकी परेशानी और बढ़ जाती है। आगे जानिए इस समस्या को कैसे खत्म कर सकते है।
आई एलर्जी का खतरा (Eye Allergies) : जैसा की आप जानते ही होंगे की गर्मियों में गर्मी के साथ साथ पॉल्यूशन भी बढ़ जाता है। जो हमारी आँखों पर इफ़ेक्ट डालता है। ऐसे में हमारी आंखे लाल हो जाती है और उनमे से पानी यानि आंसुओ का बहाव होने लगता है
ज़्यादा गर्मी में हमारी आँखों में नमी की कमी होने लगती है, और हमारी आँखों में असली के आंसू की काफी कमी हो जाती है ऐसा होना गलत होता है इसके लिए आप लुब्रिकेंट आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते है। जिससे हमारी आँखों में नमी बरकरार रहती है।
गर्मियों में हमे पसीना बहुत अधिक मात्रा में आता है, जिसे हमारे पैरासाइट और बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में यदि गंदे हाथों से आंखों को रगड़ेंगे तो पैरासाइट आंखों के संपर्क में आ जाता है। इसके कारण आँखों में एलर्जी हो सकती है। इसलिए अपने आस पास साफ-सफाई का ख्याल रखना ज़रूरी है।
लू से आंखों को बचाने के लिए सनग्लासेस, कैप, स्कार्फ या छाते का इस्तेमाल करें। अच्छी क्वालिटी के पोलराइड सनग्लासेस ही पहनें, ताकि अल्ट्रावॉयलेट किरणें डायरेक्ट आपकी आंखों तक न पहुंचे। बाहर निकलते समय टोपी भी पहनें। टोपी न सिर्फ आपके सिर की सुरक्षा करती है, बल्कि आंखों को लू से भी बचाती है।
डिहाइड्रेशन के कारण टियर ग्लैंड्स पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बना पाती हैं, जो हमारी आंखों में नमी बनाए रखने के लिए जरूरी है। ड्राई आई के कारण आंखों से संबंधित दूसरी समस्याएं भी हो जाती हैं। बहुत जरूरी हो तो इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ ढेर सारा पानी पिएं।
एक अच्छी नींद आपकी आँखों को आराम देने के लिए बहुत ज़रूरी होती है। रोजमर्रा के थकान भरे रूटीन से आंखे बहुत ज़्यादा दर्द हो सकती है उनको आराम देने के लिए छह से आठ घंटे की आरामदायक नींद लेना आपके लिए ज़रूरी हो जाता है। ये आपकी आंखों को प्राकृतिक तरीके से तरोताजा रखने में सहायता करती हैं।
यदि आप अपनी आंखों को स्वस्थ देखना चाहते है तो आज से ही अपने खान पान पर ध्यान देना शुरू कर दे। यदि आप एक अच्छी डाइट लेते है तो यह आपकी आंखों की कोशिकाओं और रेटिना को मजबूती प्रदान करने में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन तत्वों की अहम भूमिका है। हेअल्थी फ़ूड की यदि हम बात करे तो उसमे रसीले फल और सब्जियां जैसे खरबूज, तरबूज, खीरा आदि आते है। इसके अलावा डेयरी प्रोडक्ट भी अच्छी मात्रा में खाएं। how to protect your eyes in summer
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