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इंडिया न्यूज, मुंबई :
Know About Lata Mangeshkar Surname Mangeshkar: भारत रत्न लता मंगेशकर का आज देहांत हो गया। संगीत जगत की दिग्गज सितारा लता के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर हैञ बता दें कि उनके फैंस सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वहीं बात करें लता जी की जीवनी के बारें तो बता दें कि लताजी के पिता दीनानाथ मंगेशकर एक प्रसिद्ध मराठी थिएटर अभिनेता, प्रसिद्ध नाट्य संगीत संगीतकार और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीतज्ञ एवं गायक थे। इनका जन्म 29 दिसम्बर 1900 को, गोवा (Goa) में मंगेशी नामक गांव में हुआ था।
दीनानाथ मंगेशकर के पिता, गणेश भट्ट नवाथे एक कहार्डे ब्राह्मण थे तथा प्रसिद्ध मंगेशी शिव मंदिर गोवा में पुजारी थे। वैसे दीनानाथजी के परिवार को मूल उपनाम ‘हार्डिकर’ था चूंकि इनके परिवार को मंगेशी मंदिर (Mangeshi Mandir) के शिवलिंग के लिए अभिषेक का पारंपरिक सौभाग्य प्राप्त हुआ था अत: उन्हें ‘अभिषेकी’ उपनाम से भी जाना जाने लगा था। हालांकि, दीनानाथ ने अपने पिता के परिवार के दोनो उपनामों को नहीं अपनाया। चूंकि वे परिवार सहित गोवा के मंगेशी गांव में रहते थे और वहीं पैदा हुए थे, अत: उन्होंने अपना उपनाम मंगेशकर जिसका अर्थ था ‘मंगेश द्वारा’ अपनाया जो संयोग से, मंगेश देवता, मंगेशी मंदिर के देवता का नाम भी है।
तीर्थ यात्रियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक माना जाता गोवा का मंगेशी मंदिर। यह मंदिर मंगेशी गांव में स्थित है और यह राज्य के सबसे धनी और सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव बाघ के रूप में देवी पार्वती के सामने प्रकट हुए थे। जिसे देखकर माता घबरा गईं और उनके मुंह से रक्षाम् गिरीश शब्द निकला। तब से भगवान शिव यहां मंगिरीश के नाम से पूजे जाने लगे।
गोवा शहर में स्थित इस मंदिर को लेकर लोगों की काफी आस्था है। माना जाता है कि इन मंदिर की स्थापना 18वीं शताब्दी में की गई थी। इस मंदिर की वास्तुकला भी काफी विशेष है। यह मंदिर गोवा के ही एक मंदिर शांतादुर्गा की शैली में बना हुआ है। करीब 450 साल पुराना यह मंदिर देखने में काफी सुंदर है। यहां एक पानी का कुंड भी है, जो इसके प्राकृतिक सौंदर्य को और भी ज्यादा बढ़ा देता है। यहां सभी स्तंभ पत्थर के बने हैं और इस मंदिर में एक भव्य दीपस्तंभ भी है।
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