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इंडिया न्यूज । नई दिल्ली
History of insurance in India: कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर देश दुनिया में डर बना हुआ है। ऐसे में शेयर बाजार में गिरावट का रुख चल रहा है। पेटीएम और स्टार हेल्थ जैसी इंश्योरेंस कंपनियों के इनिशियल पब्लिक आफर (आईपीओ) पिट गए हैं। इसके बावजूद भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) LIC Of India जनवरी से मार्च के बीच में देश का सबसे बड़ा आईपीओ ला रही है। इससे एलआईसी के पॉलिसीधारक, एजेंट्स और कर्मचारियों की धड़कनें बढ़ गई हैं।
Life Insurance Corporation of India Plans: आपको बता दें कि 31 अगस्त 2021 को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) (lic ipo news latest) ने 65 वर्ष पूरे कर लिए हैं। देश के सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी 1956 में पांच करोड़ रुपये की शुरूआती पूंजी के साथ बीमा क्षेत्र में उतरी थी। अब इस सरकारी बीमा कंपनी के पास 34,36,686 करोड़ रुपये के लाइफ फंड समेत कुल 38,04,610 करोड़ रुपये का एसेट बेस है।
History & Overview of LIC in India: ब्रांड फाइनेंस इंश्योरेंस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, 65 साल में एलआईसी ने दुनिया के तीसरे सबसे मजबूत और 10वें सबसे मूल्यवान ब्रांड के तौर पर जगह बना ली है। भारतीय बीमा क्षेत्र के निजी कंपनियों के लिए खुलने के दो दशक बाद भी एलआईसी बाजार (lic ipo) में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। एलआईसी फर्स्ट प्रीमियम इनकम 66.18 फीसदी और पॉलिसियों की संख्या में 74.58 फीसदी हिस्सेदारी के साथ मार्केट लीडर बनी हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान एलआईसी की ओर से 31 मार्च 2021 के अंत में 2.10 करोड़ नई पॉलिसियां पंजीकृत की गईं। इस दौरान पहले साल के प्रीमियम में 1.84 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाकर न्यू बिजनेस में 3.48 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
LIC established in India: आपको जानकर हैरानी होगी कि 1818 में पहली बार भारत की धरती पर कोई बीमा कंपनी शुरू हुई थी, जिसका नाम ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी था। ये सिर्फ अंग्रेजों का जीवन बीमा करती थी। बाबू मुत्तीलाल सील जैसे कुछ लोगों के प्रयासों से भारतीयों का भी बीमा होने लगा, लेकिन उनके लिए रेट अलग थे। 1870 में पहली भारतीय लाइफ इंश्योरेंस कंपनी शुरू हुई तो बराबरी का हक मिला।
lic ipo date: 1956 तक भारत में 154 भारतीय इंश्योरेंस कंपनियां, 16 विदेशी कंपनियां और 75 प्रोविडेंट कंपनियां काम करती थीं। एक सितंबर 1956 को सरकार ने इन सभी 245 कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करके भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शुरूआत की। उस समय की सरकार ने एलआईसी को पांच करोड़ रुपए जारी किए थे। 1956 में एलआईसी के 5 जोनल आॅफिस, 33 डिविजनल आॅफिस, 212 ब्रांच आॅफिस और एक कॉपोर्रेट आॅफिस था। कंपनी ने एक साल में ही 200 करोड़ का बिजनेस किया। इस भरोसे के पीछे एक बड़ी वजह सरकार की गारंटी थी।
lic ipo news: 1990 तक भारत में ज्यादातर कंपनियों पर सरकार का एकाधिकार था। 1991 के बाद धीरे-धीरे सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में बेच दिया गया, लेकिन सरकार ने एलआईसी को नहीं छुआ। कई प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियां आने के बावजूद भारत के दो तिहाई बीमा बाजार पर एलआईसी का कब्जा है। ये करीब 36 लाख करोड़ की संपत्ति का मैनेजमेंट करती है। एलआईसी ने लोगों के बीच भरोसा बनाया है कि यहां लगाया उनका पैसा कभी डूबेगा नहीं।
lic ipo size: 1970 के दशक में बाजार में एलआईसी की मोनोपली थी। उस दौर के ऐड में दो हाथों के बीच एक लड़के की तस्वीर है। लिखा है कि उसे अपने प्रोटेक्शन की गर्माहट को महसूस होने दीजिए। 1980 के दशक में आडियो-विजुअल मीडियम आ चुके थे। कंपनी ने ऐसा संदेश दिया कि लाइफ इंश्योरेंस मतलब एलआईसी। ये बात लोगों के जेहन में बैठ गई। उन दिनों दूरदर्शन पर आने वाले एक ऐड की टैगलाइन थी- रोटी, कपड़ा, मकान और जीवन बीमा। 1990 के आखिरी दिनों में एलआईसी ने अपनी ब्रांड इमेज के लिए पुरजोर कोशिश की। ‘न चिंता, न फिकर’ और ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ जैसी टैगलाइन वाले ऐड्स दिए।
lic ipo details: सरकार जब भी मुश्किल में फंसती है तो एलआईसी का उपयोग किसी साहूकार की तिजोरी की तरह होता है। 2015 में तेल एंव प्राकृतिक गैस नियम (ओएनजीसी) के इनिशियल पब्लिक आॅफर (आईपीओ) के समय एलआईसी ने करीब 10 हजार करोड़ रुपए लगाए थे। 2019 में कर्ज से जूझ रहे भारतीय औधोगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) को उबारने की बात आई तो एलआईसी ने एक बार फिर अपनी झोली खोल दी।
lic ipo expected price: 2019 में जारी भारतीय रिजर्व बैंक डेटा मुताबिक शुरूआत से लेकर अब तक एलआईसी ने सरकारी क्षेत्र में 22.6 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसमें से 10.7 लाख करोड़ रुपए तो 2014-15 से 2018-19 के बीच ही लगाए गए हैं। इस समय ये 100 फीसदी सरकारी कंपनी है, लेकिन जनवरी से मार्च 2022 के बीच सरकार कंपनी की 10 फीसदी हिस्सेदारी शेयर बाजार में बेचने जा रही है। सरकार को एलआईसी के आईपीओ से 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रकम जुटाने की उम्मीद है।
lic ipo date latest news: सरकार के मंसूबों पर एलआईसी के ही कर्मचारी सवाल उठा रहे हैं और आईपीओ निकालने का विरोध कर रहे हैं। इन्हें अपनी नौकरी का डर सता रहा है। उनका कहना है कि एलआइ्रसी में सरकारी हिस्सेदारी में किसी भी तरह की छेड़छाड़ से बीमा धारकों का इस कंपनी पर से भरोसा हिला देगा। आईपीओ की वजह से एलआईसी पॉलिसी होल्डर्स की भी धड़कने बढ़ी हुई हैं। हालांकि उन पर सीधा कोई असर नहीं पड़ेगा। शेयर बाजार में लिस्टेड होने से कंपनी के कामकाज में और अधिक पारदर्शिता आएगी। सरकार ने कहा है कि वह एलआईसी के आईपीओ इश्यू साइज से 10 फीसदी शेयर पॉलिसी होल्डर्स के लिए सुरक्षित रखेगी।
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