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Lotus Seed : आज हम एक ऐसे फूल के बीज की बात कर रहे है जो कीचड़ में खिलता है पर सब को पसंद होता हैै। जिसका नाम कमल का फूल है। यह बहुत ही सुन्दर होता हैं। कमल का फूल लाल, गुलाबी, सफेद व नीले रंग के होता हैं। कमल का फूल पूजा में इस्तेमाल किए जाते है। कमल के बीज दिमाग को रिलैक्स से लेकर कई बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है।तो आइए जानते है कमल के बीज स्वास्थ्य और सेहत के लिए ही कैसे फायदेमंद होता हैं।
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कमल के बीजों को भून लें और इसके अन्दर मौजूद हरे रंग के अंकुरों को निकालकर पीस लें और इसे शहद के साथ रोगी को चटाएं। इससे उल्टी बंद हो जाती है।
कमल के भुने हुए छिलके रहित बीजों को 1-2 ग्राम की मात्रा में लें। इसमें मधु मिलाकर सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है।
कमल के फूल की एक से दो पंखुड़ियां, सफेद चन्दन का चूर्ण, लाल चन्दन का चूर्ण, मुलेठी एवं मुस्तक आदि को मिलाकर सुबह-शाम बुखार से पीड़ित रोगी खाने से बुखार कम होता है और शरीर की कमजोरी दूर होती है।
फुंसियां होने पर कमल की जड़ों में लगने वाले फल को पीसकर फुंसियों पर लगाने से फुंसियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
नीलकमल के फूल के केशर को तिल तथा आँवले के साथ पीस लें। इसमें मुलेठी मिलाकर सिर में लेप करने से रूसी खत्म होती है।
कमल के फूल में से दूध निकाल लें। इसे काजल की तरह आँखों में लगाने से आंखों के रोग ठीक होते हैं।
कमल के फूल की पंखुडियां और पत्ते बराबर मात्रा में लेकर फिर इसे पीसकर लेप बना लें। इस लेप को रात को सोने से पहले चेहरे पर लगाने से चेहरा सुन्दर व कोमल बनता है।
दांतों के कीड़े होने पर कमल की जड़ को चबाने से दांतों के कीड़े खत्म होते हैं।
कमल के बीजों का 1 से 3 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से खांसी से राहत मिलती है।
हिचकी लगने पर कमल के बीजों को पानी में उबालकर पीने से हिचकी का समस्या दूर होती है।
दिमाग को रिलैक्स करने के लिए कमल की जड़ को 2 गुना नारियल के तेल में उबालकर छान लें और इसे सिर पर लगाएं। इससे सिर और आंखो को ठंडक मिलती है। जिससे दिमाग रिलैक्स होता है।
गंजेपन की समस्या होने पर नीलकमल, बहेड़ा फल मज्जा, तिल, अश्वगंधा, अर्ध-भाग प्रियंगु के फूल तथा सुपारी को बराबर भाग में पीस लें। फिर इस लेप को सिर में लगाने से गंजेपन की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
दिल और दिमाग को हेल्दी रखने के लिए कमल की जड़ का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में एक चम्मच मिश्री के साथ नियमित रूप से सेवन करें। इससे हृदय और मस्तिष्क को शक्ति मिलती है।
मासिकधर्म रूकने पर या नियमित न होने पर कमल की जड़ को पीसकर खाने से मासिकधर्म सम्बंधी गड़बड़ी दूर होती है और मासिकधर्म नियमित होता है।
सिर दर्द होने पर शतावरी, नीलकमल, दूब, काली तिल तथा पुनर्नवा लें। इन सभी को पानी में पीसकर लेप बना लें इससे सभी तरह के सिर दर्द में फायदा मिलता है।
उत्पल तथा दूध को मिला लें। इसे मिट्टी के बर्तन में 1 महीने तक जमीन में दबाकर रखें। इसे निकालकर बालों में लगाने से बाल स्वस्थ होते हैं। इससे बालों का पकना कम होने लगता है।
खूनी बवासीर के रोगियो को 5 ग्राम केसर और 5 ग्राम मक्खन को मिलाकर दिन में 2 बार खाने से खूनी बवासीर से राहत मिलती है।
Lotus Seed
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