संबंधित खबरें
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
छत्तीसगढ़ में इंडिगो फ्लाइट को मिली धमकी, इमरजेंसी हुई लैंडिग
ऑटो में बैठी थी महिला तभी पीठ पर किसी ने फेरा हाथ, पीछे मुड़ी तो कांप गई रूह, देखें सबसे डरावने 5 मिनट की झलक
खिचड़ी बनी जानलेवा, मौत से पटना में लोगों का रो रो कर हुआ बुरा हाल
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Covid-19 Vaccine India देश में कोरोना वायरस व उसका नया वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते केसों की रोकथाम के लिए नई वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा था। कोरोना की लड़ाई में देश को अब तीन योद्धा मिल चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो नई वैक्सीन और एक एंटीवायरल दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. जिसमें पहली वैक्सीन का नाम कोर्बेवैक्स और दूसरी कोवोवैक्स है। तीसरी दवा एक एंटी वायरल गोली है, जिसका नाम मोलनुपिराविर है। दो नई वैक्सीन को मंजूरी के बाद देश में कोरोना वैक्सीन की संख्या आठ हो गई है। आइए जानते नई वैक्सीन के बारे में और ये ट्रायल में कितनी कारगर और कितनी सेफ है?
जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन 66फीसदी कारगर है। जाइकोव-डी वैक्सीन 66 फीसदी, कोवैक्सीन 78 फीसदी, कोवीशील्ड 80 फीसदी, कोर्बेवैक्स 80 फीसदी, कोवोवैक्स (नोवावैक्स) 89 फीसदी, स्पूतनिक 92 फीसदी व मॉडर्ना 94 फीसदी कारगर है। (Covid-19 Vaccine India)
ये एक प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन है, जिसे हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई ने बनाया है। यह प्रोटीन बेस्ड देश की पहली और देश में ही विकसित तीसरी वैक्सीन है। प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन का मतलब है कि ये पूरे वायरस के बजाय उसके एक हिस्से का इस्तेमाल कर इम्यून रिस्पॉन्स जेनरेट करता है। इस वैक्सीन में कोरोना वायरस के ही एस प्रोटीन का इस्तेमाल होता है। जैसे ही वैक्सीन के जरिए ये एस प्रोटीन बॉडी में एंटर करता है बॉडी का इम्यून सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है। इस वैक्सीन को बायोलॉजिकल ई ने टेक्सस चिल्ड्रंस हॉस्पिटल के टीका विकास केंद्र के साथ मिलकर बनाया है। (Covid-19 Vaccine India)
बायोलॉजिकल ई ने देशभर की 33 से ज्यादा साइट पर तीन हजार से ज्यादा लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया है। ट्रायल के नतीजों में सामने आया है कि डेल्टा स्ट्रेन के खिलाफ सिम्पटमैटिक इंफेक्शन रोकने में वैक्सीन 80फीसदी से ज्यादा कारगर है। यह वैक्सीन दो डोज में आएगी और दो से आठ डिग्री सेल्सियस रेफ्रिजिरेटेड तापमान पर स्टोर की जा सकेगी।
इसे अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने बनाया है। भारत में इसे सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया (एसआईआई) कोवोवैक्स नाम से बना रही है। ये भी एक प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन ही है लेकिन इसमें नैनोपार्टिकल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें वायरस के ऐसे स्पाइक प्रोटीन को बनाया जाता है, जो आपको बीमार नहीं करते। बाद में इसे वायरस की तरह नैनोपार्टिकल के रूप में असेंबल कर लिया जाता है। 20 दिसंबर को डब्ल्यूएचओ ने कोवोवैक्स को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी है। (Covid-19 Vaccine India)
सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया ने कहा है कि वैक्सीन की इफेक्टिवनेस पता करने के लिए फेज-3 के दो अलग-अलग ट्रायल किए गए हैं। ब्रिटेन में किए गए ट्रायल में वैक्सीन कोरोना के ओरिजिनल स्ट्रेन पर 96.4 फीसदी अल्फा पर 86.3 फीसदी और ओवरआल 89.7 फीसदी इफेक्टिव रही है। अमेरिका और मैक्सिको में किए गए ट्रायल में वैक्सीन की एफिकेसी 90.4 फीसदी रही है। कोरोना से गंभीर और सामान्य लक्षणों को रोकने में वैक्सीन 100 फीसदी कारगर रही है।
मोलनुपिराविर वैक्सीन नहीं बल्कि एक ओरल ड्रग है। इसे फार्मा कंपनी मर्क और रिजबैक ने मिलकर बनाया है। पहले इस दवा को सर्दी-जुकाम के मरीजों के लिए बनाया गया था। फिलहाल कुछ मोडिफिकेशन के साथ इसका इस्तेमाल कोरोना मरीजों पर किया जा रहा है। (Covid-19 Vaccine India)
इसे कोरोना से संक्रमित 18 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर मरीजों को दिया जाएगा। मोलनुपिराविर दवा वायरस के जेनेटिक कोड में गड़बड़ी कर उसकी फोटोकॉपी होने से रोकती है। ये गोलियों का एक कोर्स होगा। माना जा रहा है कि 800 एमजी की दवाओं को पांच दिन तक दिन में दो बार दिया जाएगा। भारत में इसे 13 फार्मा कंपनियां मिलकर बनाएंगी। उम्मीद है कि हफ्ते भर के अंदर ये उपलब्ध हो सकती है।
फिलहाल अमेरिका और ब्रिटेन में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। ब्रिटेन ने चार दिसंबर को इस दवा को मंजूरी दी थी। ब्रिटेन के स्वास्थ्य एजेंसियों ने कहा है कि मरीजों पर ये सेफ और इफेक्टिव है। वहीं, अमेरिका ने फिलहाल केवल पांच दिन तक ही इसको डोज देने का फैसला लिया है। भारत में केवल उन्हीं मरीजों को मोलनुपिराविर दी जाएगी जिनका आक्सीजन लेवल 93 फीसदी से ज्यादा है और जिन्हें गंभीर लक्षण होने का खतरा है। बिना डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के ये नहीं दी जा सकेगी।
Also Read : NEET Controversy आखिर क्या है ‘नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट’ विवाद
Also Read : Companies That Changed Their Business Strategy ये आठ ब्रांड्स, काम बदलकर बने फेमस ब्रांड्स
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.