संबंधित खबरें
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
छत्तीसगढ़ में इंडिगो फ्लाइट को मिली धमकी, इमरजेंसी हुई लैंडिग
ऑटो में बैठी थी महिला तभी पीठ पर किसी ने फेरा हाथ, पीछे मुड़ी तो कांप गई रूह, देखें सबसे डरावने 5 मिनट की झलक
खिचड़ी बनी जानलेवा, मौत से पटना में लोगों का रो रो कर हुआ बुरा हाल
अजीत मैंदोला
PM Narendra Modi Security Breach पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्य्क्ष सोनिया गांधी ने माहौल को देखते मामले को ठंडा करने का प्रयास किया। लेकिन कांग्रेस के आज के युवा रणनीतिकार उस पर पानी फेरने में आमादा है।ये नेता मान बैठे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी पर जितना हमला करेंगे कांग्रेस को उतना लाभ मिलेगा। कांग्रेस के नेताओं ने ऐसी लाइन पकड़ ली जो किसी भी लिहाज से ठीक नही कही जा रही है।
इसके परिणाम पंजाब के लिये चिंताजनक भी हो सकते हैं। ये माहौल बनने लगा है कांग्रेस कहीं न कहीं पिछड़ती जा रही है। इसलिये बोखलाहट में गलत रास्ते पर चल पड़ी है। बीजेपी ने मौका मिलते ही मोदी को भावनात्मक मुद्दा बना कांग्रेस को टारगेट कर दिया है। हिंदुत्व का कार्ड चला तो कांग्रेस का दलित कार्ड कमजोर पड़ जायेगा। कांग्रेसी सुप्रीम कोर्ट के दखल को भी नही समझ पा रहे हैं।
केंद्र और कोर्ट के रुख को देख कर लगता है चन्नी सरकार पर से संकट टला नही है। सोनिया गांधी ने मामले की गंभीरता समझ सही कदम उठाया था, लेकिन नेताओं ने उस पर पानी फेर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति कोविद से मुलाकात, गृह मंत्रालय की सक्रियता कहीं ना कहीं चन्नी सरकार के लिये अच्छे संकेत नही माने जा रहे हैं । क्योंकि देश में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रधानमंत्री को सुरक्षा कारणों के चलते आधे रास्ते से लौट जिंदा वापस जा रहा हूँ जैसा कड़ा बयान देना पड़ा। (PM Narendra Modi Security Breach)
दरअसल सबसे बुरे दौर से गुजर रही 135 साल पुरानी पार्टी के युवा रणनीतिकार मामले की गंभीरता को समझ ही नही पाये। उनको लगता है मोदी के खिलाफ देशभर में माहौल है इसलिये उन्हें टार्गेट करने से कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनेगा।ये नेता जानते हैं विदेश गए उनके नेता राहुल गांधी ऐसा करने से खुश होंगे। राहुल की भी नीति यही है कुछ मत करो मोदी पर हमला करों।
चाहे पार्टी लगातार हार रही हो चिंता मत करो। ऐसे में पँजाब जैसा राज्य जहाँ पर वापसी की एक मात्र उम्मीद है,अगर मोदी पर हमलावर रणनीति उल्टा पड़ गई तो फिर कौन जवाब देही होगा। किसी कांग्रेसी के पास जवाब नही होगा। मोदी के मामले में विपक्ष भी कांग्रेस का साथ नही दे रहा है। पार्टी ने आनन फानन में मामले की गंभीरता समझे बिना पीएम की सुरक्षा के चूक के मामले को रैली में कम भीड़ जुटने से जोड़ राजनीति शुरू कर दी। (PM Narendra Modi Security Breach)
मुख्यमंत्री चन्नी ने मामले पर खेद तो जताया लेकिन सुरक्षा में चूक स्वीकार करने के बजाए किसानों की बात कर राजनीति कर डाली। सोनिया के दखल के बाद चन्नी चुप होने के बजाए प्रधानमंत्री मोदी पर और हमलावर हो गए। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जो सीएम को शोभा नही देते। जानकार इसे बोखलाहट मान रहे हैं। घटना वाले दिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर यदि पार्टी ने अमल किया होता तो मामला ज्यादा तूल नही पकड़ता।गहलोत ने मामले को गंभीर मानते हुये केंद्रीय एजेंसियों पर सवाल खड़े कर जिम्मेदार लोगों पर एक्शन की बात की थी।
लेकिन कांग्रेस के प्रवक्ताओं, नेताओं और युवक कांग्रेस के अध्य्क्ष बीवी श्रीनिवास ने बचकाना बयान दे बीजेपी को बड़ा मुद्दा दे दिया। बीजेपी ने पूरे मामले को भावनात्मक बना कांग्रेस को निशाने पर ले लिया। सांसद मनीष तिवारी ने मामले की गंभीरता देख पार्टी लाइन से अलग बयान दे स्थिति को संभालने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी नेता बाज नही आये। पीएम मोदी को टारगेट कर पँजाब रैली में भीड़ न जुटने को मुद्दा बना मामले को तूल देने में जुट गए। (PM Narendra Modi Security Breach)
यही नही प्रदेश के नेताओं से अलग बयान दिलवा मामले को और तूल दिलवाया। इससे केंद्र और बीजेपी को कांग्रेस पर हमले का मौका मिल गया। पूरे प्रकरण में कांग्रेस कहीं ना कहीं अकेले पड़ गई । इसमें कोई दो राय नही है कि प्रधानमंत्री के काफिले को सीमा से सटे इलाके में 20 मिनट तक रोका जाना सुरक्षा में बड़ा चूक का मामला है। लेकिन मामले का मिनट भर में राजनीतिक करण कर दिया गया।प्रधानमंत्री मोदी का बयान मैं जिंदा लौट आया के आते ही बीजेपी ने बिना देरी किये कांग्रेस पर हमला बोल दिया।
प्रधानमंत्री के बयान से साफ हो गया था कि मामला गंभीर हो गया है। बीजेपी ने भी इसे भावनाओं से जोड़ बड़ा मुद्दा बना दिया। भारत सरकार के मंत्रियों से लेकर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमन्त्रियों ने अपने अपने तरीके से कांग्रेस को निशाने पर ले लिया।यही नही विपक्ष के दूसरे दलों ने भी पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक बता कांग्रेस की चन्नी सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिये। कांग्रेस ने मामले का विश्लेषण किये बिना उल्टा मोदी की वापसी को फिरोजपुर रैली में भीड़ न जुटने से जोड़ बीजेपी को घेरने की कोशिश की लेकिन मामला उल्टा पड़ गया।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणसिंह चन्नी ने घटना के पांच घण्टे बाद खेद जता जो तथ्य पेश किये उससे उनकी सरकार सवालों के घेरे में आ गई। उन्होंने भी मामले में पूरी राजनीति की। चन्नी ने खेद जरूर जताया लेकिन सफाई में जो कहा उससे स्पष्ठ था कि सरकार को किसानों के जाम की जानकारी थी। क्योंकि बार बार वह कह रहे थे कि अपने किसान भाइयों को हटाने के लिये जोर जबर्दस्ती नही कर सकते थे। (PM Narendra Modi Security Breach)
यहीं पर कांग्रेस से चूक हो गई। पंजाब चुनाव के चलते कांग्रेस और चन्नी सरकार ने मामले को किसानों और भीड़ से जोड़ बीजेपी को जवाब देना शुरू कर दिया। लेकिन बाद में जिस तरह आंदोलनकारी किसानों ने बयान दिये उससे चन्नी सरकार खुद ही सवालों में घिर गई।बाकी रही सही कसर विपक्षी दलों ने पूरी कर दी।आम आदमी पार्टी समेत सभी दलों ने सुरक्षा के मामले में चन्नी सरकार को ही निशाने पर ले लिया।
सोनिया के बाद कांग्रेस की तरफ से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटनवाले दिन ही जरूर सधा हुआ बयान दे मामले की गंभीरता को समझा।लेकिन बाकी नेता हमला करने में लगे रहे। प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकल पुलिस से ज्यादा केंद्रीय एजेंसियों की होती है।एसपीजी, आईबी और तमाम तरह की एजेंसी अपने स्तर पर जांच पड़ताल के बाद ही प्रधानमंत्री को आने जाने की हरी झंडी देती है। (PM Narendra Modi Security Breach Reason)
आईबी लोकल खुफिया तंत्र से मिनट मिनट भर की जानकारी लेती हैं। गहलोत ने अपने बयान में यही सवाल उठाये है।उन्होंने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक होना एक गंभीर मामला बताया। गहलोत ने कहा पूर्व में भारत के दो प्रधानमंत्रियों श्रीमती इन्दिरा गांधी एवं राजीव गांधी की हत्या हो चुकी है जिसके बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी एसपीजी को दी गई। पीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसपीजी एक्ट में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
पीएम के दौरे पर सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी एवं आईबी की ज्यादा होती है। राज्य पुलिस एसपीजी के निर्देशों एवं सलाह का पालन करती है। एसपीजी की अनुमति के बिना पीएम का काफिला आगे नहीं बढ़ सकता है। इसी तरह सांसद मनीष तिवारी ने भी पीएम की सुरक्षा में चूक को गंभीर मान दोषियों की जिम्मेदारी तय करने की बात की। कांग्रेस के एक और नेता सुनील जाखड़ ने भी ट्वीट कर पार्टी लाइन से अलग पीएम की सुरक्षा में हुई चूक पर चिंता जताई।
शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखवीर सिंह बादल, आप के राघव चड्डा ने भी चिंता जता कांग्रेस पर ही निशाना साधा।समझा जा रहा पीएम सुरक्षा चूक मामले में पूरी तरह से अलग थलग पड़ चुकी पार्टी को संकट से बचाने के लिये सोनिया गांघी ने दखल दिया था। लेकिन कमजोर हो चुकी कांग्रेस के आज के रणनीतिकार यह नही समझ पा रहे हैं कांग्रेस आज उस स्थिति में नही है कि जो कहेगी या करेगी उसे सही करार दिया जायेगा। मोदी सरकार को घेरने के लिये महंगाई,बेरोजगारी,किसानों की समस्या जैसे तमाम मुद्दे हैं।
लेकिन कांग्रेस कुछ समय चुनाव आते ही असली मुद्दे भूल बीजेपी के जाल में फंस जाती है। पंजाब में भी कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है। बीजेपी की पंजाब में इतनी भर कोशिश है किसी भी दल को बहुमत न मिले। इस घटना के बाद बीजेपी अमरेंद्र सिह के साथ मिल कांग्रेस में तो सेंध लगाएगी ही अपने लिये जमीन भी तैयार करने का मौका नही छोड़ेगी। बीजेपी मोदी की सुरक्षा में चूक को भावनात्मक मुद्दा बना कांग्रेस के लिये संकट खड़ा कर सकती है। पहले से जीत के लिये तरश रही कांग्रेस के लिये पंजाब की हार बड़ा झटका होगी।
Also Read : PM Narendra Modi Security Breach पंजाब से पहले भी पीएम मोदी की सुरक्षा में हो चुकी है चूक
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.