होम / Live Update / पिछड़ा वर्ग में 'असल पिछड़ों' की पहचान के नाम होगा विशेष सत्र

पिछड़ा वर्ग में 'असल पिछड़ों' की पहचान के नाम होगा विशेष सत्र

PUBLISHED BY: Itvnetwork Team • LAST UPDATED : September 2, 2023, 3:13 pm IST
ADVERTISEMENT
पिछड़ा वर्ग में 'असल पिछड़ों' की पहचान के नाम होगा विशेष सत्र

पिछड़ा वर्ग में ‘असल पिछड़ों’ की पहचान के नाम होगा विशेष सत्र

India news(इंडिया न्यूज़), Ashish Sinha, New Delhi: पूरे देश में इस समय चर्चा चल रही है कि क्या खास होने वाला है 18 से 22 सितंबर के बीच संसद के विशेष सत्र में। लेकिन इन चर्चाओं के बीच अन्य पिछड़े वर्गों के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर बनाए गए जस्टिस रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को सदन में रखे जाने और चर्चा कराने की चर्चा सबसे ज्यादा चर्चित है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 18 से 22 सितंबर तक दोनों सदनों का विशेष सत्र रहेगा। यह 17वीं लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र होगा। इसमें 5 बैठकें होंगी।

2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को अपनी तरफ करने की पूरी कोशिश में लगी हुई है।इसी बीच ओबीसी आरक्षण को सब-कैटेगरी में बांटने की संभावना को लेकर बनाई गई रोहिणी आयोग ने अपनी रिपोर्ट पिछले महीने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है।

आखिर क्यों है रोहिणी आयोग की रिपोर्ट इतनी अहम?

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक केंद्र सरकार ने ये कवायद समाज के ‘सबसे पिछड़े’ लोगों को लुभाने के लिए शुरू की थी। अब रोहिणी आयोग ने राष्ट्रपति को जो रिपोर्ट सौंपी है वह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो चुकी है क्योंकि आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले NDA से लेकर I.N.D.I.A तक सभी पार्टियां अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटरों को अपनी तरफ करने की कोशिश में लगी हुई है।

इस रिपोर्ट में देश के कुल मतदाताओं के करीब 40 फीसदी से ज्यादा यानी ओबीसी मतदाताओं का भविष्य है जिसका राजनीतिक इस्तेमाल करने की होड़ लग जाएगी। सत्तारूढ़ गठबंधन ने वो लागू कर दी तो उसकी खासियत गिनाएगा जबकि विपक्ष को उसमें सारी खामियां दिखाने में लग जाएगी।

आखिर सरकार ने कब और क्यों बनाया रोहिणी आयोग

2 अक्टूबर, 2017 को ओबीसी जातियों का वर्गीकरण के बहस के बीच केंद्र सरकार ने ओबीसी की केंद्रीय लिस्ट को बांटने के मकसद से एक आयोग बनाने की घोषणा की थी। दिल्ली उच्च न्यायालय के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश जी, रोहिणी इसके अध्यक्ष बनी। उनके नाम के कारण ही आयोग का नाम भी रोहिणी ही रखा गया था। 2017 में गठित इस आयोग को अब तक 13 बार विस्तार मिल चुका है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक रोहिणी आयोग बनाने की सबसे बड़ी वजह तो ये थी कि देश का एक बड़ा वर्ग ओबीसी मतदाताओं का है। ओबीसी के पिटारे में हजारों जातियां उपजातियां हैं। उनमें से कुछ को आरक्षण का लाभ खूब मिला तो कुछ हमेशा वंचित हो रहीं क्योंकि सामाजिक पायदानों पर उनकी आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक है बहुत मामूली थी।

आयोग को सरकार ने दिए थे तीन काम

2017 में केंद्र सरकार के बनाए जस्टिस जी रोहिणी आयोग को मुख्यत: तीन बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी थी।

1. अन्य सभी पिछड़ी जातियों यानी ओबीसी को उपवर्गों में बांटने के लिए उनकी पहचान करना।
2. ओबीसी के अंदर करीब हजारों जातियों में से अलग-अलग जातियों और समुदायों को आरक्षण का      लाभ कितने असमान तरीके से मिल रहा है इसकी जांच करना।
3. ओबीसी में समान लाभ के लिए युक्तिसंगत बंटवारा करने का तरीका, आधार और मानदंड क्या हो      सकता है इसको तैयार करना।

2024 मिशन के लिए ओबीसी वोट कितना अहम है?

एनडीए गठबंधन के लिए ओबीसी वोट बैंक कितना जरूरी है ये तो पिछले चुनावी नतीजों पर नजर डालने से साफ हो ही जाता है। साल 1990 के दशक में भारतीय जनता पार्टी (BJP ) को मंडल की राजनीति का मुकाबला करने के लिए बहुत कठिन संघर्ष करना पड़ा था हालांकि इसका काट पार्टी ने हिंदुत्व में खोजने की कोशिश की था।

गौरतलब है कि साल 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में कड़ी मेहनत कर जीत हासिल कर ली और गठबंधन सहयोगियों के साथ एनडीए सरकार का बनाने में कामयाब हो गई थीं। लेकिन उस समयक्षेत्रीय दल बहुत मजबूत बने रहे। साल 1998 और 1999 की बात करे तो क्षेत्रीय दलों को क्रमश: 35.5% और 33.9% वोट मिले थे।

2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कितना फीसदी मिला ओबीसी वोट

साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 31% वोटों के साथ अपने दम पर बहुमत हासिल किया था और नरेंद्र मोदी देश के प्रधान मंत्री बने। अगर बात क्षेत्रीय दलों को करें तो उन्हें 39 फीसदी वोट मिले थे। एक रिपोर्ट के अनुसार अनुसार साल 2014 के आम चुनाव में ओबीसी वोटों का 34 प्रतिशत हिस्सा भारतीय जनता पार्टी को जबकि 43 प्रतिशत हिस्सा क्षेत्रीय दलों को मिला था।

2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का बढ़ा था ओबीसी वोट बैंक

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी से बड़ी तादात में ओबीसी मतदाता जुड़े थे और बीजेपी ने क्षेत्रीय दलों के वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रही। यह चुनाव हार लिहाज से बेहद खास रहा न सिर्फ बीजेपी दुबारा सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही बल्कि इस चुनाव में क्षेत्रीय दलों का ओबीसी वोटों में शेयर कम होकर 26.4 फीसदी रह गया। वही अगर बात भारतीय जनता पार्टी ने की करें तो 44 फीसदी ओबीसी वोट अपने तरफ करने में वो सफल रही।

बीजेपी एक बार फिर से ओबीसी वोट बैंक के जरिए तीसरी बार लगातार सत्ता पर काबिज़ होना चाहती है वही I.N.D.I.A गठबंधन की कोशिश यह होगी कि सरकार ओबीसी वोट बैंक में सेंध न लगा पाए।

यह भी पढ़े

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

बक्सर सांसद सुधाकर सिंह का हमला,मुख्यमंत्री नीतीश की यात्रा को बताया “चुनावी पर्यटन”
बक्सर सांसद सुधाकर सिंह का हमला,मुख्यमंत्री नीतीश की यात्रा को बताया “चुनावी पर्यटन”
डॉ. मनसुख मंडाविया ने किया ‘Fit India Sundays on Cycle’ का शुभारंभ; CRPF, ITBP, और पूर्व WWE स्टार शैंकी सिंह ने कार्यक्रम में दी उपस्थिती
डॉ. मनसुख मंडाविया ने किया ‘Fit India Sundays on Cycle’ का शुभारंभ; CRPF, ITBP, और पूर्व WWE स्टार शैंकी सिंह ने कार्यक्रम में दी उपस्थिती
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
जान बचाने वाली इस चीज ने आसमान में मचाई तबाही, मंजर देख कांप गए लोग..वीडियो हुआ वायरल
जान बचाने वाली इस चीज ने आसमान में मचाई तबाही, मंजर देख कांप गए लोग..वीडियो हुआ वायरल
शिक्षक का उसकी पत्नी ने बनाया पोपट, दूसरे मर्दों के साथ मिलकर बनवाएं अश्लील वीडियो और तस्वीर, पति को करने लगी ब्लैकमेल
शिक्षक का उसकी पत्नी ने बनाया पोपट, दूसरे मर्दों के साथ मिलकर बनवाएं अश्लील वीडियो और तस्वीर, पति को करने लगी ब्लैकमेल
एक द्वीप के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर देश से भिड़ गया चीन, दे डाली धमकी…, क्या होने वाला है कुछ बड़ा ?
एक द्वीप के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर देश से भिड़ गया चीन, दे डाली धमकी…, क्या होने वाला है कुछ बड़ा ?
मुजफ्फरपुर में ड्रग्स माफिया पर NCB का बड़ा वार,करोड़ों की खेप के साथ तस्कर गिरफ्तार
मुजफ्फरपुर में ड्रग्स माफिया पर NCB का बड़ा वार,करोड़ों की खेप के साथ तस्कर गिरफ्तार
BPSC 70th Exam: री-एग्जाम की मांग को लेकर तेजस्वी ने सीएम नीतीश को लिखी चिट्ठी, बोले-छात्रों को कुछ हुआ तो…
BPSC 70th Exam: री-एग्जाम की मांग को लेकर तेजस्वी ने सीएम नीतीश को लिखी चिट्ठी, बोले-छात्रों को कुछ हुआ तो…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों का होगा कायाकल्प,पांच जिलों के मंदिरों के विकास का ऐलान
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों का होगा कायाकल्प,पांच जिलों के मंदिरों के विकास का ऐलान
UP: लखनऊ में जुटी बिजली पंचायत टेंडर निजीकरण को लेकर किया आंदोलन
UP: लखनऊ में जुटी बिजली पंचायत टेंडर निजीकरण को लेकर किया आंदोलन
ADVERTISEMENT