IndiaNews (इंडिया न्यूज), Rewa News: भारत में आधुनिकता के इस दौर में भी कई मासूम जिंदगिया भष्ट्राचार और लापरवाही के भेंट चढ़ जाती हैं। हर दिन हम पढ़ते या सुनते हैं कि खुले नाली या बोरवेल में गिरने से मासूम की मौत। परंतु क्या इसके बाद भी कुम्भकर्णी नींद सो रहा सरकारी तंत्र जागा है। अगर सच में ऐसा हुआ होता तो देश के किसी भी राज्य में मासूमों को जिंदगी और मौत से नहीं जूझना पड़ता। दरअसल मध्य प्रदेश के रीवा जिले के त्योंथर में खेत में गेहूं की कटाई के बीच खेल रहा छह साल का मयंक खुले पड़े बोरवेल में जा गिरा। मयंक को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है।
बता दें कि, शुक्रवार (12 अप्रैल) की दोपहर को मासूम मयंक मनिका गांव में खेत में खेल रहा था। इस दौरान उसके परिजन गेहूं की कटाई में लगे थे। तभी वह खेलते-खेलते बोरवेल में जा गिरा। वहीं मासूम को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव दल पहुंच गए हैं। जेसीबी मशीन की मदद से बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है।
बता दें कि मासूम मयंक बोरवेल में लगभग 60 फुट की गहराई पर है। जिसके समानांतर अब तक लगभग 15 फुट गहरा गड्ढा खोदा जा चुका है। इसके साथ ही मासूम तक ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। साथ ही उसकी हरकतों पर भी नजर रखी जा रही है। दरअसल रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से राहत और बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। परंतु अंत में सवाल वही है की रहत और बचाव अभियान अभी चलाया जा रहा है। उससे बचने के लिए सरकारी तंत्र पहले की कुम्भकर्णी नींद से क्यों नहीं जगता है।
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