India News, (इंडिया न्यूज), Madhya Pradesh, मध्यप्रदेशः मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत में गर्माहट लगातार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस हो भाजपा दोनो किसी भी प्रकार से अपना बल दिखाने में पिछे नही हट आ रहे है। इसी बीट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लाडली बहन योजना की शुरूआत करना एक अच्छी नीति तौर मानी जा रही है। लेकिन सबकी नजर कभी भाजपा का गढ़ रहे मालवा-निमाड़ पर है। जहां के लोगों ने पिछले चुनाव में सत्ता की चांबी कांग्रेस को सौंप दी थी। जिसके बाद से लगातार भाजपा वहां पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के प्रयास में लगी हुई है। इसी कारण भाजपा ने एक सप्ताह के भीतर निमाड़ के तीन जिलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे तय किए गए हैं। जिसे मालवा-निमाड़ में भाजपा के चुनावी अभियान की शुरूआत के तौर पर भी माना जा सकता है।
बता दें कि, भाजपा किसी भी प्रकार से कर्नाटक वाली गलती मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) में करने को तैयार नहीं है। इसी कारण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 को मध्य प्रदेश में अपने चुनावी दौरे की शुरुआत धार में रोड़ शो के साथ करेंगे। जिसकी तैयारियां हो चुकी हैं। वहीं आपको ये भी बतातें चले कि, पीएम मोदी रोड़ शो के जरिए आदिवासी बाहुल्य धार जिले में अपना माहौल बनाने का पूरा प्रयास करेंगे। क्योंकि भाजपा पिछले चुनाव में धार जिले की सात सीटों मे केवल एक धार विधानसभा सीट ही जीत सकी थी। हलाकि राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के भाजपा में आने के बाद भाजपा के खाते में दो सीटें आ गई।
जहां एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी धार से चुनावी माहौल तैयार करेंगे वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जून के अंतिम सप्ताह मे खरगोन का दौरा कर चुनावी महौल तैयार करेंगे। जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष लगातार रूप से भाजपा के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों से सीधे मुलाकात करेंगे। सभा को भी संबोधित करेंगे। वहीं भाजपा की ओर से मिली जानाकरी में ये भी बताया गया है कि, नड्डा के अलावा दो-तीन अन्य केंद्रीय मंत्री भी आगामी दिनों में मालवा निमाड़ का दौरा कर सकते हैं।
बता दें कि,15 साल तक सत्ता से दूर रहने के बाद कांग्रेस का राजनीतिक वनवास पिछले विधानसभा चुनाव में खत्म हुआ था। जिसके बाद दोनों अंचलों की 66 सीटों में से 35 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वहीं भाजपा को 28 सीटें ही मिल पाई थी। तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया व 22 कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी। उसके बाद 2020 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कब्जे वाली सीटों की संख्या घटकर 30 रह गई थी।
ये भी पढ़े
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.