India News (इंडिया न्यूज),Mp News: पुलिस विभाग में कदाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सख्त कार्रवाई की है। थाना प्रभारी से लेकर कांस्टेबल तक, रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों पर भारी गाज गिरी है। इस मामले में थाना प्रभारी रविंद्र गुर्जर का डिमोशन करते हुए उन्हें सब इंस्पेक्टर के पद पर भेज दिया गया है। इसके अलावा, सब इंस्पेक्टर संजय धुर्वे के प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है। वहीं, कांस्टेबलों लोकेंद्र सिसोदिया और अन्य पर भी गंभीर दंडात्मक कार्रवाई की गई है।
कैसे खुला रिश्वत का मामला?
2023 में एक फरियादी ने अपने परिजनों को थाने से छुड़ाने के लिए थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों से संपर्क किया। आरोप है कि थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने उनकी रिहाई के बदले हजारों रुपये की रिश्वत मांगी। मजबूरी में फरियादी ने यह राशि दी, लेकिन अगले ही दिन उन्होंने तात्कालिक पुलिस कमिश्नर मकरंद देवस्कर और पूर्व डीसीपी अभिषेक आनंद से शिकायत की।
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जांच में हुआ बड़ा खुलासा
शिकायत के आधार पर वरिष्ठ अधिकारियों ने एक विशेष जांच कमेटी गठित की। जांच में पुष्टि हुई कि आरोपियों की रिहाई के लिए थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों ने अवैध रूप से पैसे लिए थे। इसके बाद मौजूदा पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। कमिश्नर ने बयान में कहा, “इंदौर पुलिस में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई संदेश है कि अगर कोई पुलिसकर्मी रिश्वत लेगा, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।”
पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
यह पहली बार है जब इंदौर पुलिस में रिश्वतखोरी के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई की गई है। डिमोशन और प्रमोशन रोकने जैसी सजा ने विभाग के बाकी पुलिसकर्मियों को भी सतर्क कर दिया है। इस घटना ने पुलिस विभाग की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए ऐसी सख्त कार्रवाइयों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
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